गोयल जी को कोरोना हुआ तो क्यों आइ मारवाह जी की शामत
मारवाह जी के संपर्क में आए लोगों के आरोग्य सेतु ऐप पर भी संक्रमण का खतरा दिखने लगा। कभी डीएम ऑफिस से फोन कर मारवाह जी को पल्स ऑक्सीमीटर देने की बात कही जा रही है तो कभी उन्हें घर में क्वारंटाइन रहने के नियम कायदे बताए जा रहे हैं।
By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 03 Nov 2020 09:54 AM (IST)
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। ग्रेटर कैलाश निवासी गोयल जी की कालकाजी निवासी मारवाह जी से न तो जान-पहचान है और न ही कोई रिश्तेदारी। दोनों के घरों के बीच करीब तीन किलोमीटर की दूरी है। लेकिन गोयल जी को कोरोना क्या हुआ, मारवाह जी की शामत आ गई। कोरोना हुआ गोयल जी को और लेकिन सपरिवार क्वारंटाइन होना पड़ गया मारवाह जी को। मारवाह जी का आरोग्य सेतु उन्हें कोरोना पॉजिटिव व घर से सभी सदस्यों का ऐप उन्हें हाई रिस्क जोन में दिखाने लगा।
मारवाह जी के संपर्क में आए लोगों के आरोग्य सेतु ऐप पर भी संक्रमण का खतरा दिखने लगा। कभी डीएम ऑफिस से फोन कर मारवाह जी को पल्स ऑक्सीमीटर देने की बात कही जा रही है तो कभी उन्हें घर में क्वारंटाइन रहने के नियम कायदे बताए जा रहे हैं। कभी स्वास्थ्यकर्मी की कॉल तो कभी कंप्यूटराज्ड कॉल रिसीव कर कर मारवाह जी परेशान हो गए तो आखिरकार डीएम ऑफिस में शिकायत की तो इस गफलत का राज खुला। दरअलस, डीएम ऑफिस से जब लोग ग्रेटर कैलाश स्थित गोयल जी के घर पहुंचे तो पता यह चला कि गोयल जी ने कोरोना जांच करवाते समय लैब में मारवाह जी का मोबाइल नंबर दे दिया।अब यह जानबूझकर किया या गलती से यह तो पता नहीं चला, लेकिन इस जानकारी से मारवाह जी ने राहत की सांस ली। उनके अनुरोध पर कुछ दिन बाद आरोग्य सेतु ऐप में वह सुरक्षित की श्रेणी में आ गए।
जांच के दौरान दे रहे गलत मोबाइल नंबर
कोरोना जांच कराने वाले लोग अपनी जगह किसी और का मोबाइल नंबर लिखवा रहे हैं।जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उस व्यक्ति की शामत आ जाती है जिसका मोबाइल नंबर दर्ज करवाया जाता है। स्वास्थ्यकर्मी व जिला प्रशासन की ओर से कॉल पर कॉल आने लगते हैं। दरअसल, पता चला है कि जांच के समय लोग जानबूझकर दूसरे का मोबाइल नंबर लिखवा देते हैं ताकि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर गोयल उनके घर पर होम क्वारंटाइन का पोस्टर न लगे, उन्हें लोग कोरोना पॉजिटिव समझकर भेदभाव न करें।लेकिन, अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में काफी परेशानी होती है। इससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे कई मामले आ रहे हैं जिसमें लोगों ने जांच के समय गलत मोबाइल नंबर दिया है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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