इसरो 10 उपग्रहों के साथ लॉन्च करेगा PSLV-C49, उल्टी गिनती शुरू, आज 3.02 PM पर होगी लॉन्चिंग
ISRO (PSLV-C49) इस रॉकेट के दस सैटेलाइट्स के साथ शनिवार दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर लॉन्च होने की उम्मीद है। बता दें कि PSLV-C 49 देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और 9 अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर जाएगा।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:42 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। इसरो एक बार फिर अंतरिक्ष में अपना परचम लहराने जा रहा है। 10 उपग्रहों के साथ लॉन्च होने वाले PSLV-C49 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। शनिवार को पहले लॉन्च पैड से रॉकेट लॉन्च के लिए 26 घंटे की उलटी गिनती आज यानी शुक्रवार दोपहर को शुरू हो गई है। इस रॉकेट के दस सैटेलाइट्स के साथ शनिवार दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर लॉन्च होने की उम्मीद है। पीएसएलवी सी-49 देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और 9 अन्य विदेशी उपग्रहों को लेकर जाएगा।
Countdown for the launch of #PSLVC49/#EOS01 mission commenced today at 1302 Hrs (IST) from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota.
Launch is scheduled tomorrow at 1502 Hrs IST . pic.twitter.com/JQ0nBXHChx
— ISRO (@isro) November 6, 2020
पहले लॉन्च पैड से रॉकेट लॉन्च के लिए 26 घंटे की उलटी गिनती शुरू होगी। श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से 7 नवंबर यानी शनिवार दोपहर 3 बजे इन 10 उपग्रहों वाले रॉकेट को प्रक्षेपित किया जाना है। बता दें कि शनिवार शाम को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C49) की उड़ान के साथ सब कुछ ठीक रहा, तो भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी अब तक कुल 328 विदेशी उपग्रहों को सशुल्क अंतरिक्ष में स्थापित करा लेगी।
9 सैटलाइटों के साथ उड़ान भरेगा
इसरो का इस साल यह पहला सैटेलाइट होगा जो 7 नवंबर को लॉन्च होगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च करने की जानकारी दी गई है। इस क्रम में इसरो का सैटलाइट इओएस को पीएसएलवी सी-49 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। खास बात यह है कि सी- 49 सिर्फ एक भारतीय ही नहीं, बल्कि नौ विदेशी सैटेलाइट्स के साथ भी उड़ान भरेगा।
2020 में इसरो का यह पहला अंतरिक्ष मिशन
प्रक्षेपित किए जाने वाले 9 विदेशी उपग्रहों में लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस द्वारा 4 मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और यूएस (4-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) शामिल हैं। यह प्रस्तावित प्रक्षेपण इस साल का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन होगा।
हर मौसम, दिन-रात पृथ्वी पर रहेगी भारत की नजरबता दें कि ईओएस-01 अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट का ही एक एडवांस्ड सीरीज है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) लगा है, जो किसी भी समय और किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रख सकता है। इस सैटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे बादलों के बीच भी पृथ्वी को देखा जा सकता है और स्पष्ट तस्वीर खींची जा सकती है। यह दिन-रात की तस्वीरें ले सकता है और निगरानी करने के साथ-साथ ही नागरिक गतिविधियों के लिए उपयोगी है।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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