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Diwali 2020: इस दिवाली गाय के गोबर से निर्मित सुगंधित धूपबत्ती से महकेगा पर्यावरण

Diwali 2020 पराग सोलंकी ने बताया कि गाय के गोबर से निर्मित धूप के अंदर कई प्रकार की शुद्ध व सुगंधित जड़ी बूटियों का प्रयोग किया गया है। साथ ही हाथ से ही यह प्राकृतिक धूपबत्ती तैयार हो रही है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 07 Nov 2020 07:43 AM (IST)
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लोनी से 15 लीटर की तीन बालटियों में ढोकर लाते हैं गोबर
नई दिल्ली [रितु राणा]। गोबर से बनी धूपबत्ती न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए लाभदायक है बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर भी एक कदम है। इसी उद्देश्य से पश्चिमी करावल नगर में रहने वले तीन युवा दीपक, पराग सोलंकी बाबा और विक्रम बिष्ट मिलकर देसी गाय के गोबर से धूपबत्ती बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा बन गए हैं।

धूप बत्ती के साथ वह हवन सामग्री के लिए उपले आदि भी तैयार कर रहे हैं। विक्रम बिष्ट ने बताया कि यह धूपबत्ती 70 फीसद गोबर और 10 जड़ी बूटियों से तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह लोग गोबर को नालियों में बहाने की जगह इसका उपयोग कर रोजगार कमा सकता है। तीनों दोस्त मिलकर फेसबुक, वट्सएप के माध्यम से लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे गो माता के गोबर से बनी इस सुगंधित व प्राकृतिक धूपबत्ती का इस्तेमाल करें। इससे ना केवल पर्यावरण शुद्ध रहेगा बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में सहयोग मिलेगा।

रोजाना लोनी से 15  लीटर की तीन बालटियों में ढोकर लाते हैं गोबर

धूपबत्ती बनाने के लिए लोनी स्थित श्री बालाजी शरणम गोशाला से रोजाना 15 लीटर की तीन बाल्टियों में गाय का गोबार आता है। दीपक ने बताया कि वह तीनों रोज गोबर लाते हैं और उससे एक दिन में ही 60-70 पैकेट धूपबत्ती तैयार कर लेते हैं। वह हाथों से ही धूपबत्ती बनाते हैं। उनके पास मध्यप्रदेश से भी धूपबत्ती का ऑर्डर आया है। दिल्ली में कई क्षेत्रों से इसकी मांग आ रही है। एक पैकेट में 20 धूपबत्ती के पीस हैं, जिसका मूल्य मात्र 20 रुपये है। उन्होंने कहा कि इससे एक ओर गो माता का संरक्षण होगा दूसरा स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।

गो माता के गोबर से होगा प्रकृति का संरक्षण

पराग सोलंकी ने बताया कि गाय के गोबर से निर्मित धूप के अंदर कई प्रकार की शुद्ध व सुगंधित जड़ी बूटियों का प्रयोग किया गया है। साथ ही हाथ से ही यह प्राकृतिक धूपबत्ती तैयार हो रही है। धूप में गोबर के अलावा कपूर, देशी घी, चंदन, लोभान, जटामासी, काली मिर्च जैसी सामग्रियाें का प्रयोग किया जाता है। सभी उत्पाद प्राकृतिक हैं।

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