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Delhi Coronavirus News: दिल्ली में क्यों तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले आइएमए ने बताई वजह

आइएमए की ओर से जारी पत्र के मुताबिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) के 300 से ऊपर पहुंचने पर सामान्य लोगों को भी सांस संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में सभी को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 08 Nov 2020 08:36 AM (IST)
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कोरोना के रोजाना 6 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी करीब महीने भर से प्रदूषण की मार झेल रही है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का कहना है कि कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे प्रदूषण एक बड़ी वजह है। प्रदूषण पर काबू पाने के लिए और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। आइएमए ने शनिवार को कहा कि राजधानी में पिछले कुछ दिन से कोरोना के रोजाना 6 हज़ार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इसमें 13 फीसद बढ़ोतरी वायु प्रदूषण के कारण होने का अनुमान है।

आइएमए की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) के 300 से ऊपर पहुंचने पर सामान्य लोगों को भी सांस संबंधी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में सभी को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए और बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। आइएमए के मुताबिक, प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन इस पर लगाम लगाने के लिए दीर्घकालिक उपायों को अपनाने की जरूरत है।

दिल्ली में कोरोना के रिकॉर्ड मामलों को लेकर बोले स्वास्थ्य मंत्री

कोरोना के रिकॉर्ड मामलों पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि इस समय संक्रमण की तीसरी लहर चल रही है। जल्दी ही मामलों में कमी आने लगेगी। उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ सरकार की तैयारियां मजबूती से चल रही हैं। विभिन्न अस्पतालों में 1295 बेड बढ़ाए गए हैं। इनमें 110 आइसीयू बेड भी शामिल हैं।

शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए जैन ने कहा कि मरीजों के बढ़ने के हिसाब से बेड भी बढ़ाए जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में 500 सामान्य और 110 आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। निजी अस्पतालों में भी 685 बेड बढ़ाए हैं।इसके अलावा सभी कोविड अस्पतालों में मरीजों से जुड़ी हुई बुनियादी सुविधाओं को और भी बढ़ाने का आदेश जारी किया गया है। जैन ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों में 80 फ़ीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने का एक आदेश जारी किया था। जिस पर उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी। इस मामले को लेकर सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। तेजी से बढ़ते मामलों के कारणों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मामले बढ़ने की एक बड़ी वजह लोगों की ओर से बरती जा रही लापरवाही है। उन्होंने कहा कि लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। जब तक इस वायरस का कोई टीका नहीं आ जाता मास्क को ही वैक्सीन समझना चाहिए।

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