Delhi: अंधेरे में डूबी सड़कों को रोशनी की है दरकार, खराब लाइटों पर नहीं किसी विभाग का ध्यान
अंधेरे के कारण यहां जर्जर पड़े फुटपाथ ओझल हो जाता है जिसके कारण कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। हालांकि डीडीए ने द्वारका की सड़कों को जगमग करने का कार्य शुरू कर दिया है लेकिन रफ्तार बेहद धीमी नजर आती है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 08 Nov 2020 08:35 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिवाली पर सड़कें रोशनी से जगमगाए इसके लिए निगम ने अपने प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन डीडीए व पीडब्ल्यूडी के प्रयास नजर नहीं आते हैं। नई लाइटें तो दूर की बात, खराब लाइटों को दुरुस्त करने की दिशा में भी कोई प्रयास देखने को नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि मंगलापुरी की हफ्तेभर से खराब पड़ी लाइटों की तरफ पीडब्ल्यूडी का बिल्कुल ध्यान नहीं है। लंबे प्रयासों के बाद वर्ष 2018 में यहां एलइडी लाइटें लगाई गई थी, लेकिन खराब होने के बाद सुध लेने के लिए विभाग आगे आने को तैयार नहीं है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अंधेरे के कारण असामाजिक तत्वों का बोलबाला बढ़ गया है। मंगलापुरी स्थित काली माता मंदिर से लेकर सब्जी मंडी तक पसरे अंधेरे के कारण अकेले सड़क पर चलने में डर का अनुभव होता है। हालांकि, इस बावत अधिकारियों को शिकायत दी गई है, पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। दूसरा पालम मेट्रो स्टेशन के सामने वाली सड़क पर भी लंबे समय से स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। द्वारका सेक्टर-1 पुलिस चौकी के आसपास पसरा अंधेरा भी लोगों को डर का अहसास कराता है।
अंधेरे के कारण यहां जर्जर पड़े फुटपाथ ओझल हो जाता है, जिसके कारण कई लोग दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। हालांकि डीडीए ने द्वारका की सड़कों को जगमग करने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन रफ्तार बेहद धीमी नजर आती है। द्वारका फ्लाईओवर के नीचे भी लंबे समय से लाइटें खराब पड़ी है, लेकिन डीडीए सुध लेने को तत्पर नजर नहीं आता है। इसी तरह नजफगढ़ रोड पर भी स्ट्रीट लाइटों की हालत बदहाल है। शाम के बाद आधे दर्जन से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें जलती और बुझती रहती है। इससे लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिवाली से पहले इन स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त किया जाना चाहिए।
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