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ऑनलाइन एजुकेशन के लिए जरूरी हैं कस्टमाइज लर्निंग मॉड्यूल

कार्यक्रम के अध्यक्ष के तौर पर बोलते हुए प्रो द्विवेदी ने कहा कि विद्या भारती ने तकनीक के माध्यम से लोगों को जोड़ने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। हमें ऐसे लोगों का निर्माण करना है जो समाज और देशहित में काम कर सकें।

By Neel RajputEdited By: Updated: Sun, 08 Nov 2020 09:22 AM (IST)
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कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केंद्र में किया गया
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। ऑनलाइन एजुकेशन की उपयोगिता बढ़ाने के लिए कस्टमाइज लर्निंग मॉड्यूल तैयार करने होंगे, जो टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनाए गए हों।' यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आइआइएमसी) के महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने विद्या भारती द्वारा आयोजित आचार्य (शिक्षक) तकनीकी शिक्षण प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम का आयोजन प्रोफेसर राजेंद्र सिंह उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केंद्र में किया गया। 

समारोह में लखनऊ स्थित दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के महानिदेशक श्री एल वेंकटेश्वर लू मुख्य अतिथि के तौर पर और इकाना स्पोर्ट्स सिटी के निदेशक संजय सिन्हा विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। आयोजन में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री डॉ जय प्रताप सिंह ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने विचार व्यक्त किए। विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा भी कार्यक्रम में विशेष तौर पर उपस्थित थे।

कार्यक्रम के अध्यक्ष के तौर पर बोलते हुए प्रो द्विवेदी ने कहा कि विद्या भारती ने तकनीक के माध्यम से लोगों को जोड़ने का बहुत ही सराहनीय कार्य किया है। हमें ऐसे लोगों का निर्माण करना है, जो समाज और देशहित में काम कर सकें। हमें पूरी दुनिया को अपने ज्ञान और कौशल से परिचित कराना है। प्रो द्विवेदी के मुताबिक आज जब शारीरिक दूरी एक नया नियम बन गई है और स्कूल एवं शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रहे हैं, तब शिक्षा के शब्दकोष में डेस्क, कुर्सी और पेंसिल की जगह कंप्यूटर और कनेक्टिविटी लेते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीक ने मानवीय ज्ञान में वृद्धि की है। अमेरिका में किए गए एक अध्ययन के अनुसार आमने-सामने पढ़ाई में छात्र जहां 8 से 10 फीसदी बातें याद रख पाते हैं, वहीं ई-लर्निंग ने याद रखने की दर बढ़ाकर 25 से 60 फीसद तक कर दी है। प्रो द्विवेदी ने कहा कि तकनीक के विकास से शिक्षा के क्षेत्र में हम जिस क्रांति की कल्पना करते थे, आज ऑनलाइन एजुकेशन ने इस कल्पना को साकार करके शैक्षिक क्षेत्र में नये युग का सूत्रपात किया है।

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