IPL 2020: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का फर्श से अर्श तक का सफर
IPL 2020 भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रामक गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इन दिनों आइपीएल-13 में बल्लेबाजों पर जमकर कहर बरपा रहे हैं। मुंबई इंडियंस के फाइनल में पहुंचने की एक बड़ी वजह उनकी शानदार गेंदबाजी भी है। वर्तमान में उनके पास पर्पल कैप भी है।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Mon, 09 Nov 2020 10:59 AM (IST)
निखिल शर्मा, नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग यानी आइपीएल ने अगर भारतीय क्रिकेट को कुछ सबसे अनमोल चीज दी है तो वह तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ही हैं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक रहे लसित मलिंगा का बुमराह को उनके शुरुआती आइपीएल करियर में सानिध्य मिलना इस तेज गेंदबाज को हीरा बना गया। आज पूरी दुनिया के क्रिकेट दिग्गज इस बेहतरीन तेज गेंदबाज की तारीफ कर रहे हैं। ऐसा हो भी क्यों ना, आखिर साल दर साल बुमराह कामयाबी के नए आयाम जो छू रहे हैं।
आइपीएल की शानदार शुरुआत : साल 2013 बुमराह के करियर का सबसे खास साल बना जब उन्हें मुंबई इंडियंस से पहली बार आइपीएल में खेलने का मौका मिला। उनके नायाब एक्शन की वजह से वह बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे। धीरे-धीरे मलिंगा और बुमराह की जोड़ी को खेलना बल्लेबाजों के लिए बेहद मुश्किल हो गया। फिर उसी साल मुंबई इंडियंस ने पहला खिताब भी जीता। 2015 में फिर एक बार मुंबई खिताब जीतने में कामयाब रहा। अब तक बुमराह एक बेहतरीन तेज गेंदबाज बन चुके थे, जिनकी यॉर्कर को खेलना बल्लेबाजों के लिए सिर का दर्द बन गया था।
टीम इंडिया तक का सफर : 2015 में मुंबई इंडियंस को खिताब जिताने के बाद जल्द ही 2016 में बुमराह को टीम इंडिया में एंट्री मिल गई। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने वनडे करियर का आगाज किया। बुमराह फिर एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही अपना पहला टी-20 मुकाबला भी खेले। उनकी गेंदबाजी की धार तेज होती जा रही थी और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बल्लेबाजों को खासा परेशान कर रहे थे। फिर वह मौका आया जब उनका देश के लिए टेस्ट खेलने का सपना साकार हो गया।
2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर उन्हें भारत के लिए पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला। इस सीरीज में उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में हराने का श्रेय भी गुजरात के इस युवा तेज गेंदबाज को गया। चेतेश्वर पुजारा ने वहां रन बनाए और बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया।इस आइपीएल में कमाल का प्रदर्शन : इस आइपीएल में पिछले तीन मैचों में बुमराह ने 10 विकेट लिए हैं और 45 रन दिए हैं।
टी-20 क्रिकेट में ऐसा कम ही देखने को मिलता है। आइपीएल 2020 में बुमराह ने अब तक कुल 14 मैच खेले हैं और इसमें उन्होंने 27 विकेट लिए हैं। दिल्ली के खिलाफ पहले क्वालीफायर मैच में उन्होंने चार विकेट लिए थे, जिसमें दो बल्लेबाजों को उन्होंने शून्य पर आउट किया था। इनमें दिल्ली के ओपनर शिखर धवन भी शामिल थे। उन्होंने चार ओवर में सिर्फ 14 रन दिए थे और एक ओवर मेडन भी फेंका था। उनकी गेंदबाजी भी एक बड़ी वजह रही, जिसके दम पर मुंबई छठी बार आइपीएल फाइनल में पहुंची।
बुमराह के पास फिलहाल आइपीएल-13 की पर्पल कैप भी है। मार्कस स्टोइनिस को किया गया उनका बोल्ड दिखाता है कि किसी भी बल्लेबाज के लिए उन्हें खेलना कितना मुश्किल हो जाता है। अब मुंबई फाइनल में है और पहली बार उनके सामने चेन्नई सुपर किंग्स नहीं होगी। ऐसे में बुमराह की गेंदबाजी सनराइजर्स हैदराबाद या दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाजों के लिए सिर का दर्द बन सकती है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने बुमराह को दुनिया का सबसे बेहतरीन गेंदबाज बताया है। वॉन ने कहा कि, मुङो ये कहने में कोई संकोच नहीं है कि वो इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं।
लारा ने की तारीफ : दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा ने भी जसप्रीत बुमराह की तारीफ करते की। पूर्व दिग्गज क्रिकेटर लारा से जब यह पूछा गया कि क्या वह बुमराह के खिलाफ खेलना पसंद करेंगे तो उन्होंने हंसकर कहा, मुङो लगता है कि मैं बुमराह के बजाय कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और मनोज प्रभाकर का सामना करना पसंद करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन हां, चुनौती असाधारण होगी। आपको पता है कि मेरे खेलने के दिनों में मखाया नतिनी जैसे खिलाड़ी थे, जिनकी गेंदबाजी में इसी तरह की धार थी। इसलिए जिन लोगों के खिलाफ मैं खेला, उनकी कुछ तुलना हो सकती है। मुङो पता है कि मैं पीछे नहीं हटूंगा।
मुश्किलों भरा सफर : एक समय था जब बुमराह के पास गेंदबाजी करने के लिए नाइकी के जूते तक नहीं थे। यह वह समय था जब बुमराह का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। पिता की मृत्यु होने के बाद उनकी मां पर ही परिवार को संभालने की जिम्मेदारी थी, लेकिन पिछले सात सालों में बुमराह ने सबकुछ बदल कर रख दिया। हाल ही में बुमराह ने अहमदाबाद में अपना नया घर भी बनाया है। सही मायनों में बुमराह ने अपने संघर्ष के दिनों को अपनी ताकत बनाया और आज इस मुकाम तक पहुंचे।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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