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Delhi Coronavirus News Update: 3 अस्पतालों में गए नहीं मिला बेड, चौथे अस्पताल में पहुंचकर मरीज ने तोड़ दिया दम

दिल्ली के कालकाजी निवासी अमित अपने 78 वर्षीय पिता को लेकर शाम से रात तक करीब 4 घंटे तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते रहे लेकिन उन्हें काफी देर तक बेड नहीं मिला। जब बेड मिला तो उनकी कुछ देर बात मौत हो गई।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:23 AM (IST)
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कोरोना के मामले दिल्ली में तेजी से बढ़े हैं।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने में दिक्कतें आने लगी हैं। कोरोना ऐप में आइसीयू बेड उपलब्ध होने के बावजूद अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं और उन्हें दूसरे अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है। शनिवार को रात तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित एक कोरोना के संदिग्ध मरीज को तीन अस्पतालों में भटकने के बाद भी बेड नहीं मिला। मरीज को इलाज में देर हो रही थी। इस बीच चौथे अस्पताल में पहुंचकर परिजनों के मिन्नत करने के काफी देर बाद मरीज को भर्ती तो कर लिया, लेकिन अस्पताल में कुछ समय बाद ही मरीज की मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि कोरोना ऐप में बेड खाली हैं, लेकिन मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर करने का खेल चलता रहा।

मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के कालकाजी निवासी अमित अपने 78 वर्षीय पिता को लेकर शाम से रात तक करीब 4 घंटे तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्हें काफी देर तक बेड नहीं मिला। अमित के पिता बीडी शर्मा को शनिवार शाम तेज बुखार के अलावा सांस लेने में तकलीफ हुई थी। पहले तो स्वजन उन्हें पास के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन कोरोना संदिग्ध होने पर उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां भी उनके पिता को बेड उपलब्ध नहीं हो पाया। इस बीच मरीज की तबीयत काफी बिगड़ती जा रही थी। इसके बाद स्वजन उन्हें दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक में लेकर गए। कोरोना एप के मुताबिक यहां 30 आइसीयू बेड खाली हैं। वहां इमरजेंसी में कुछ देर रखने के बाद मरीज को राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल भेज दिया गया। परिजनों ने काफी गुहार लगाई कि मरीज की तबीयत बिगड़ती जा रही है, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें आइसीयू बेड खाली होने के बावजूद  रेफर कर दिया।

वहीं. राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में पहुंचने पर वहां मौजूद डॉक्टरों ने कहा कि गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) ले जाइए क्योंकि उनके यहां अभी कोरोना की जांच नहीं हो सकती। परिजनों ने काफी देर तक मिन्नतें की तो मरीज को भर्ती तो कर लिया लेकिन कुछ समय बाद ही मरीज ने दम तोड़ दिया। राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीएल शेरवाल ने बताया कि कोरोना की एंटीजन जांच 24 घण्टे होती है लेकिन आरटीपीसीआर जांच सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही होती है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध मरीजों को जांच रिपोर्ट आने तक अलग क्षेत्र में रखा जाता है। उन्होंने कहा कि वह पता लगाएंगे कि किस वजह से संदिग्ध मरीज को दाखिल करने में देरी हुई और जांच के लिए उसे जीटीबी भेजा जा रहा था। 

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