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10 हजार का चालान होने पर भी नहीं सुधर रहे वाहन चालक, बहुत कम लोग बनवा रहे पीयूसीसी

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि पिछले महीनों की अपेक्षा बगैर पीयूसीसी वाले वाहन अब कम जरूर मिल रहे हैं। मगर अभी लोगों के व्यवहार में बहुत सुधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर लोग पीयूसीसी करवा लें तो हमें चालान काटने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 11 Nov 2020 10:03 AM (IST)
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बगैर पीयूसीसी वालों के 1784 चालान कटे हैं
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। परिवहन विभाग की सख्ती का असर भी दिल्ली में चलने वाले वाहन चालकों पर अब नहीं दिख रहा है। अगस्त में जिस तरह से विभाग ने बगैर पीयूसीसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) वाले वाहनों पर सख्ती की थी तो कुछ लोग जागरूक हुए मगर अब हालात फिर खराब हैं। यहां तक कि पीयूसीसी बनवाने वालों का आंकड़ा पिछले साल से भी नीचे चला गया है। इस साल अभी तक पीयूसीसी बनवाने वालों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा डेढ़ लाख से भी अधिक कम है।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि पिछले महीनों की अपेक्षा बगैर पीयूसीसी वाले वाहन अब कम जरूर मिल रहे हैं। मगर अभी लोगों के व्यवहार में बहुत सुधार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर लोग पीयूसीसी करवा लें तो हमें चालान काटने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अभी त्योहारी सीजन है। दीवाली बाद फिर से अभियान तेज किया जाएगा।

बता दें कि दिल्ली में बढ़ चुके प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन मामलों में सख्ती के आदेश दिए हैं। जिनसे दिल्ली में प्रदूषण फैल रहा है। जिसके बाद मुख्य सचिव विजय देव ने अगस्त से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्ती के आदेश दिए थे। अगस्त से परिवहन विभाग बगैर पीयूसीसी और धुआं छोड़ने वाले वाहनों के खिलाफ अभियान चला रहा है। इस साल अभी तक 13 हजार से अधिक चालान काटे जा चुके हैं। यहां यह भी गौरतलब है कि धुआं छोड़ने वाले वाहनों के साथ साथ बगैर पीयूसीसी का चालान भी 10 हजार जुर्माने का है। मगर फिर भी अभी तमाम लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं।

कार्रवाई की बात करें तो अक्टूबर में बगैर पीयूसीसी वालों के 1784 चालान कटे हैं और 24 चालान अधिक धुआं छोड़ने वाले वाहनों के हुए हैं। यानी कुल 1808 चालान काटे गए हैं। इस बार 31 अक्टूबर तक 5,लाख 62 हजार 918 वाहनों के पीयूसीसी बनाए गए हैं। जबकि पिछले साल 31 अक्टूबर तक 7 लाख 23 हजार 920 पीयूसीसी बनाए गए थे। इस साल लॉकडाउन के चलते करीब एक माह पर काम बंद रहा है।

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