Farmer Protests: जानें- कौन हैं बब्बर सिंह, जो सिंघु बॉर्डर पर बैरिकेड व किसानों के बीच दीवार बन खड़े हैं
बब्बर सिंह ने युवाओं के साथ मिलकर हरियाणा से पैदल दिल्ली जाने वाले लोगों महिलाओं और कामगारों को भी गलियों के रास्ते से बॉर्डर की दूसरी तरफ भेजा। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं चाहते कि किसी शरारती तत्व की वजह से जवान व किसान के बीच में झड़प हो।
नई दिल्ली/सोनीपत [सोनू राणा]। हरियाणा व पंजाब से आए किसानों की शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल के जवानों के साथ राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने को लेकर झड़प हो गई थी। इस दौरान किसानों व जवानों के बीच में पथराव भी हो गया था। इसके बाद किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर ही धरना देने का फैसला किया था। शनिवार को ऐसी कोई घटना न हो, जिसकी वजह से जवान व किसान फिर एक-दूसरे के आमने सामने आ जाए। इसको देखते हुए मोहाली के किसान बब्बर सिंह सुरक्षा बल की ओर से लगाए गए बैरिकेड व किसानों के बीच दीवार बन कर दिनभर खड़े रहे। रविवार सुबह भी वह यहीं खड़े हैं। उन्होंने किसी भी किसान को बैरिकेड की ओर नहीं जाने दिया। प्रदर्शनकारी दिनभर बैरिकेड से करीब 100 मीटर दूर ही रहे। यहीं से वह नारेबाजी करते रहे। नतीजतन जवान व किसान के बीच दिनभर किसी भी प्रकार की झड़प नहीं हुई। बब्बर सिंह के साथ लुधियाना के संदीप सिंह ग्रेवाल समेत 10 से 15 युवा वॉलंटियर भी थे, लेकिन बब्बर सिंह की तारीफ आसपास के लोगों के साथ-साथ सुरक्षा बल के जवान भी कर रहे थे। उनका कहना था कि ये किसान सुबह से यहीं डटा हुआ है। इसी किसान ने दूसरे प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड के पास आने से रोका है। इसका काम सराहनीय है। बब्बर सिंह ने खाना पीना भी वहीं खड़े होकर किया। अगर कोई किसान आगे जाने की कोशिश कर रहा था तो बब्बर सिंह हाथ जोड़कर उन्हें वापस जाने के लिए कहते और किसान वापस हो जाते।
सुबह की लगा दी थी कंटीली तार
बब्बर सिंह ने देखा कि अगर किसान आगे गए तो हो सकता है कोई अनचाही घटना हो जाए। इसलिए उन्होंने दूसरे युवाओं के साथ मिलकर सुबह ही बैरिकेड से करीब 100 मीटर दूरी पर कंटीली तार लगा दी। इसके बाद कंटीली तार के 25 मीटर दूर बैरिकेड लगा दिए और किसानों और जवानों को पूरे दिन अलग रखा।
यात्रियों की भी की मदद
बब्बर सिंह ने युवाओं के साथ मिलकर हरियाणा से पैदल दिल्ली जाने वाले लोगों, महिलाओं और कामगारों को भी गलियों के रास्ते से बॉर्डर की दूसरी तरफ भेजा। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं चाहते कि किसी शरारती तत्व की वजह से जवान व किसान के बीच में झड़प हो। ऐसे प्रदर्शन के दौरान अगर कोई दूसरा भी कुछ गलत करेगा तो नाम किसानों का आएगा। इसलिए उन्होंने उस 100 मीटर के दायरे में किसी को नहीं आने दिया। नतीजन जवानों व किसानों के बीच कोई झड़प नहीं हुई।
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