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सिर्फ योग अभ्यास के जरिये सफेद दाग का इलाज करती हैं प्रीति

समाज में कुछ ऐसे योगाचार्य हैं जो लोगों को निश्शुल्क योग शिक्षा देकर उनके दुख दर्द को दूर करवाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं लक्ष्मी नगर निवासी योगाचार्य प्रीति कुमारी जो प्राणायाम के जरिये लोगों को चर्म रोग से बचाने में मदद कर रही हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Sun, 29 Nov 2020 11:43 AM (IST)
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लक्ष्मी नगर निवासी योगाचार्य प्रीति कुमारी की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। दिल्ली में वक्त रहते हालात संभलने के बदले और बिगड़ते जा रहे हैं। संक्रमण दर घटी है, लेकिन हालात अब भी खतरनाक बन हुए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण का पारा दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में अगर नियमित रूप से योग किया जाए, तो असाध्य रोगों से भी छुटकारा पाया जा सकता है। योग में वह शक्ति है, जो मनुष्य को जीवनी शक्ति प्रदान करता है। योग तमाम रोगों के इलाज में भी चमत्कारिक है। समाज में कुछ ऐसे योगाचार्य हैं जो लोगों को निश्शुल्क योग शिक्षा देकर उनके दुख दर्द को दूर करवाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्हीं में से एक हैं लक्ष्मी नगर निवासी योगाचार्य प्रीति कुमारी, जो प्राणायाम के जरिये लोगों को चर्म रोग से बचाने में मदद कर रही हैं।

प्रीति बताती हैं कि जब सफेद दाग हो गए तो घर, परिवार व समाज के बीच उनको अजीब नजरों से देखा जाने लगा। ऐसे में योग-प्राणायाम ने उनकी जिंदगी बदली और सफेद दाग को एक दम ठीक कर दिया। जिस तरह वह अब खुशनुमां माहौल में जिंदगी गुजार रही हैं ठीक उसी तरह चर्म रोग से पीड़ित लोगों को योग के माध्यम से खुशनुमां माहौल देने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने बताया कि योग स्वास्थ्य संवर्द्धन और संरक्षण का हजारों वर्ष पुराना तरीका है। योग से कई ऐसी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है, जिनके लिए आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों में भी स्टीक इलाज नहीं है। सफेद दाग भी इसी तरह की बीमारी है। यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर को ही नुकसान पहुंचाने लगती है। इसमें त्वचा का रंग बनाने वाले मेलानोसाइट सेल्स खत्म होने लगते है या काम करना बंद कर देते हैं, जिससे शरीर पर जगह-जगह सफेद धब्बे बन जाते है। उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से आज खुद के साथ अन्य लोग को भी योग व प्राणायाम करवाकर सफेद दाग से मुक्त करवाने का प्रयास किया जा रहा है। योग सेंटर में कई लोग ऐसे है जिनका रोग एक दम ठीक हो गया है।

शरीर पर कैसे होते हैं सफेद दाग

प्रीति ने बताया कि एक-दूसरे के विपरीत खाद्य पदार्थों का सेवन साथ में करने से सफेद गाद का खतरा होता है। जैसे दूध के साथ खट्टे पदार्थ, दूध के साथ मछली, शहद और घी समान मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए। इस रोग के पीछे बड़ी वजह तनाव भी है। सफेद दाग बीमारी कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है, लेकिन लोगों की सुंदरता को जरूर खराब कर सकती है।

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