Delhi Violence compensation: दंगा पीड़ित मुआवजे के लिए 31 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन
Delhi Violence compensation उत्तरी पूर्वी दिल्ली के दंगा पीड़ितों को राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने मुआवजे की आवेदन की तिथि को 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। अब 31 दिसंबर तक पीड़ित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। Delhi Violence compensation: उत्तरी पूर्वी दिल्ली के दंगा पीड़ितों को राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने मुआवजे की आवेदन की तिथि को 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया है। अब 31 दिसंबर तक पीड़ित मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे। पीड़ित ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकते हैं।
पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए सामाजिक संगठन
अधिसूचना जारी होने के बाद सामाजिक संगठन भी पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं हैं, वह पीड़िताें के फॉर्म भरवाकर आइपी एस्टेट स्थित एमएसओ भवन में बने दंगा क्षतिपूर्ति दावा आयोग में जमा करवा रहे हैं।
सरकार से तिथि बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे सामाजिक संगठन के सदस्य
बता दें बहुत से दंगा पीड़ित वक्त पर मुआवजे के लिए आवेदन नहीं कर सके थे, आवेदन की तिथि निकल चुकी थी। इसके बाद पीड़ित व सामाजिक संगठन के सदस्य लगातार सरकार से तिथि बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे। सरकार ने अधिसूचना जारी कर मुआवजे के लिए आवेदन की तिथि को बढ़ा दिया है। पूर्व न्यायाधीश सनील गौर को दावा आयोग का आयुक्त बनाया गया है।
आवेदन करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों है सुविधा
अधिसूचना में गया है कि पीड़ित सुबह 9:30 से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक दावा आयोग के कार्यालय में जाकर फॉर्म जमा करवा सकते हैं। इसके साथ ही आयोग की वेबसाइट पर भी जाकर फॉर्म को ऑनलाइन भरा जा सकता है। बता दें गत 23 फरवरी को नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोगों की मौत हुई थी। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।
दंगा पीड़ित ने की उचित मुआवजा देने की मांग सरकार को नोटिस
इधर, मुआवजे की मांग को लेकर दिल्ली दंगा पीड़ित की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी। याचिकाकर्ता शाहबाज व अन्य ने मुआवजे की राशि को अर्थहीन बताते हुए कहा है कि नुकसान के हिसाब से मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इसलिए दंगा पीड़ितों को नुकसान के मुताबिक उचित मुआवजा देने का निर्देश दिया जाए।
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