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राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की तरह दिल्ली में नहीं लगेगा रात का कर्फ्यू

Delhi Coronavirus News Update दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात्रिकालीन कर्फ्यू के दौरान लोगों को अधिक परेशानी होती है इसलिए इसकी जगह सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दूसरे उपाय कर रही है।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 02 Dec 2020 08:05 AM (IST)
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कोरोना के मामले और संक्रमण दर में कमी को देखते हुए यह कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों के बीच देश की राजधानी दिल्ली में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगने की संभावना कम हो गई है। माना जा रहा है कि कोरोना के मामले और संक्रमण दर में कमी को देखते हुए यह कर्फ्यू लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं, कुछ दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाया जा सकता है। हालांकि, यह भी स्पष्ट किया था कि अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। इसके बाद सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद स्टाफ को घर से काम करने की छूट मिल चुकी है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रात्रिकालीन कफ्यरू से लोगों को अधिक परेशानी होती है। इसलिए इसकी जगह सरकार कोरोना संक्रमण रोकने के लिए दूसरे उपाय कर रही है।

वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के मुद्दे पर मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में दिए गए शपथपत्र में आम आदमी पार्टी ने  कहा है कि इस साल मार्च महीने में कोरोना का संक्रमण के शुरू होने के साथ ही इस पर काबू पाने के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए गए थे। दिल्ली सरकार के इस शपथपत्र को जस्टिस अशोक भूषण, आरएस रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने रिकॉर्ड पर लिया है। वहं, पीठ ने कहा कि वह इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगी। यह मामला कोरोना वायरस मरीजों के अस्पताल में इलाज से संबंधित है।

पढ़िये- दिल्ली सरकार का शपथ पत्र

  • दिल्ली में नवंबर माह की शुरुआत से कोरोना संक्रमण के तीसरे चरण का सामना कर रही है।
  • गृह, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सहित तमाम विशेषज्ञ एजेंसियों के मार्गदर्शन में काम कर इस महामारी पर बहुत हद तक काबू पा लिया गया था।
  • संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार जून से लगातार प्रयास कर रही है। इस दौरान आइसीयू बेड और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाया गया।
  • सरकार ने संक्रमण वाले क्षेत्रों में 109 आइसीयू बेड और 1749 सामान्य बेड की व्यवस्था की। केंद्र सरकार की मदद से अस्पतालों में आइसीयू बेड की संख्या 89 से बढ़कर 29 नवंबर तक 850 हो गई है।
  • निजी अस्पतालों में बेड की संख्या 29 नवंबर तक 2411 हो गई है। जून माह में इसकी संख्या 111 थी। सरकार ने निजी क्षेत्र के बेड को किसी भी व्यक्ति को उपलब्ध कराने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
  • दिल्ली सरकार ने शपथपत्र में कहा कि 19 नवंबर को सभी निजी अस्पतालों में कोविड के लिए 60 फीसद बेड आरक्षित करने का आदेश जारी किया गया था। इससे अब 2644 और बेड बढ़ गए हैं।

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