Move to Jagran APP

CBSE के लाखों बच्‍चों के लिए जरूरी खबर, बोर्ड परीक्षा के लिए जारी हुई सूचना; जानिए डिटेल

बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी रमा शर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं परीक्षा केंद्रों में लिखित तरीके से ही आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं की तिथियों को लेकर कहा कि सभी हितधारकों के साथ परामर्श प्रक्रिया चल रही है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 03 Dec 2020 11:35 AM (IST)
Hero Image
ऑनलाइन नहीं परीक्षा केंद्रों में ही होंगी सीबीएसई बोर्ड की मुख्य परीक्षाएं।

नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार को कक्षा 10वीं और 12वीं की मुख्य परीक्षाओं के ऑनलाइन आयोजन को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर स्थितियां स्पष्ट की। बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी रमा शर्मा ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं परीक्षा केंद्रों में लिखित तरीके से ही आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं की तिथियों को लेकर कहा कि सभी हितधारकों के साथ परामर्श प्रक्रिया चल रही है। लेकिन, अभी तक इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

इस संबंध में जब भी निर्णय लिया जाएगा सभी को सूचित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा जब भी आयोजित होगी लिखित तरीके से ही होगी और उसमें कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पालन किया जाएगा, ऑनलाइन तरीके में परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया जाएगा।

वहीं,  प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर भी उन्होंने स्थितियां स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि अगर छात्र बोर्ड परीक्षा के आयोजन से पहले स्कूल जाकर प्रायोगिक परीक्षाएं नहीं दे पाएंगे तो ऐसी स्थिति में प्रायोगिक परीक्षाओं के विकल्पों को तलाशा जाएगा। बोर्ड ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रायोगिक परीक्षाओं का विकल्प क्या हो सकता है।

ऑनलाइन कंटेंट की निगरानी जरूरी

इधर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के कंटेट की निगरानी को लेकर पंचनद शोध संस्थान और भारतीय चित्र साधना ने वेबिनार का आयोजन किया। इसमें ऑनलाइन प्लेटफार्म पर दिखाए जा रहे कंटेट पर चर्चा की गई। इस कार्यक्रम में रिलायंस कम्युनिकेशन के उमेश उपाध्याय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला संस्थान के सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा काउंसिल के चेयरपर्सन प्रोफेसर बीके कुथैला ने विचार रखे।

डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में चलाए जा रहे अश्लील और हिंदू समाज पर चोट पहुंचाने वाले कंटेंट की निगरानी करने व उसे नियंत्रित करने को समय की जरूरत बताया। उन्होंने युवाओं को उत्साहित करते हुए कहा कि उनके लिए आजीविका का एक अन्य साधन सामने आ रहा है। ऐसे में उन्हें अच्छे साहित्य का सृजन करना चाहिए। अच्छे साहित्य को देखने और पढ़ने की रुचि अब भी समाज में है। ऐसे में अश्लील साहित्य पर केवल दोषारोपण करने से बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने पंचनद शोध संस्थान और भारतीय चित्र साधना को लगातार इस दिशा में कार्य करने के लिए सराहना की और आगे भी इसी तरह समाज के हित में काम करने की शुभकामनाएं दीं।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।