उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 16 तक बढ़ी, एक आरोपित को मिली जमानत
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की न्यायिक हिरासत कड़कड़डूमा स्थित चीफ मेट्रोलॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार की कोर्ट ने 16 दिसंबर तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने उमर खालिद के वकीलों को उसकी पुलिस रिमांड का विरोध करने का मौका भी नहीं दिया।
नई दिल्ली, आशीष गुप्ता। दिल्ली दंगे की साजिश रचने के आरोप में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मुकदमे में आरोपित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की न्यायिक हिरासत कड़कड़डूमा स्थित चीफ मेट्रोलॉलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार की कोर्ट ने 16 दिसंबर तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने उमर खालिद के वकीलों को उसकी पुलिस रिमांड का विरोध करने का मौका भी नहीं दिया। यह कहते हुए कि अगर उसके वकीलों को लगता है कि उसे हिरासत में रखने की जरूरत नहीं है, तो वह जमानत याचिका दायर करें, तो उनकी बात सुनी जाएगी।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 से 25 फरवरी के बीच दंगे हुए थे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दंगे से जुड़े मामलों में कोर्ट में आरोप पत्र दायर किए थे। उसमें उमर खालिद पर दंगे की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। स्पेशल सेल ने उमर खालिद को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था। यह आरोप लगाया था कि उसने सीएए के विरोध में हुए धरनों में भड़काऊ भाषण दिए थे और लोगों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान सड़कों पर उतरकर चक्का जाम करने के लिए उकसाया था। बता दें कि इस दंगे में 53 लोगों की मौत हुई थी। 748 लोग घायल हुए थे।
एक आरोपित को जमानत मिली
दंगे के दौरान जाफराबाद इलाके में पत्थराव और आगजनी के मामले में आरोपित बॉबी को कोर्ट ने 15 हजार के निची मुचलके पर जमानत दे दी। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें आरोपित के वकील ने झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया। वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए पक्ष रखा कि सीसीटीवी कैमरे में पीड़ित की जलती कार के आसपास आरोपित अपने भाई के साथ साफ नजर आ रहा है।
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