सेहत की सुरक्षा के नियमों का पालन आपको न सिर्फ डायबिटीज बल्कि कोरोना संक्रमण से भी रखेगा सुरक्षित
प्रिवेंटिव हेल्थ एंड लाइफस्टाइल डिजीजेज दिल्ली के सीनियर फिजीशियन डॉ. अनिल चतळ्र्वेदी ने बताया कि मधुमेह की समस्या बीमारी से कहीं अधिक अव्यवस्थित जीवनशैली का परिणाम है। जीवनशैली में नियंत्रण और सेहत की सुरक्षा के नियमों का पालन आपको न सिर्फ मधुमेह बल्कि कोरोना संक्रमण से भी रखेगा सुरक्षित...
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में मधुमेह के रोगियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि ऐसे में चिकित्सकों को भी मधुमेह के उपचार के नए अवसर मिले हैं। कमजोर इम्युनिटी के कारण मधुमेह के वे रोगी जिन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया, बहुत जल्दी इसकी चपेट में आए हैं। यही वजह है कि कोरोना संक्रमितों में मधुमेह रोगियों की संख्या भी अधिक है। जो रोगी मधुमेह की गंभीर अवस्था में थे, उनमें रोग का संक्रमण तथा इसकी जटिलता के कारण रोगियों को आईसीयू में उपचार देना पड़ रहा है।
नियंत्रित रखिए शुगर का स्तर: एक बात और देखने को मिल रही है कि अन्य कोरोना संक्रमितों की अपेक्षा जान गंवाने वालों में मधुमेह के रोगियों की संख्या और मृत्यु दर का प्रतिशत अधिक है। मधुमेह रोगियों का अधिक संख्या में गंभीर रूप से संक्रमित होना यह दर्शाता है कि यदि मधुमेह रोगियों का शुगर लेवल नियंत्रित नहीं है तो निश्चित रूप से उनकी इम्युनिटी प्रभावित होती है। यदि ऐसे में वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आते हैं तो उन्हें उच्च रक्तचाप, फेफड़ों के संक्रमण, हृदय का रोग एवं गुर्दे की शिथिल होने जैसी जटिल स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।
मधुमेह के कारण पहले से ही कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में कोरोना संक्रमण घातक स्थिति में पहुंच जाता है। इसलिए मधुमेह रोगियों को चाहिए कि वे जितना कोरोना संक्रमण के प्रति गंभीर हैं, उन्हें उतनी ही सावधानी इस बात की भी अपनानी है कि हर हाल में उनका शुगर लेवल नियंत्रण में रहे। यदि नियंत्रित शुगर के दौरान वे कोरोना संक्रमण की चपेट में आते हैं तो काफी संभावना है कि मधुमेह होने के बाद भी उन्हें उपचार लेने और क्वारंटाइन होेने के दौरान अधिक खराब स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सुव्यवस्थित हो जीवनशैली: यह सच है कि मधुमेह रोगियों को आम आदमी की अपेक्षा कोरोना संक्रमण की संभावना अधिक रहती है, लेकिन यह भी सच है कि मधुमेह बीमारी से कहीं अधिक अव्यवस्थित जीवनशैली है। अब यह आप पर निर्भर करता है कि इसे कैसे सुव्यवस्थित किया जाए। कोरोना संक्रमण के कारण जब तक अति आवश्यक न हो, आप घर से बाहर न निकलें। इसी समय आपको व्यायाम के लिए वक्त निकालना है। व्यायाम आपके शुगर लेवल को नियंत्रित करेगा।
संक्रमण को लें गंभीरता से: फ्लू और वायरस के इस दौर में किसी भी तरह के संक्रमण की स्थिति में उसे नजरअंदाज करना कतई ठीक नहीं है। लंबे समय से मधुमेह ग्रसित रोगियों को चाहिए कि वे अपने रक्त में ग्लूकोज की मात्रा व स्थिति के प्रति हमेशा सजग रहें। यदि आप इंसुलिन लेते हैं तो उसके प्रयोग के साथ इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में मौजूद ग्लूकोज की मात्रा में किसी तरह का उतार-चढ़ाव तो नहीं हो रहा है। जरूरत पड़े तो सारी गतिविधियां चिकित्सक की देखरेख में करें।
सेहत से नहीं कोई समझौता: यदि आप मधुमेह से ग्रसित हैं और फास्टफूड के शौकीन हैं तो बीते समय बाजारों के बंद होेने के कारण कई चीजों से दूर रहें होंगे, जो आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है तो अब उन्हें कतई मत शुरू करें। ऐसी चीजों से दूर रहना ही श्रेयस्कर है। योग, मेडीटेशन और साइकिलिंग के लिए थोड़ा वक्त जरूर निकालें। घर के संतुलित आहार का सेवन करें और प्रसन्नता के साथ जीवन जिएं।
रहिए स्वास्थ्य के प्रति सजग : यदि आप मधुमेह से ग्रसित हैं तो बेहतर रहेगा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और इस बात को मान लें कि चिकित्सक रोगी को उपचार और स्वस्थ रहने की दिशा देता है। भले ही आप लंबे समय से मधुमेह से पीड़ित हैं पर कतई घबराएं नहीं, यदि किसी संक्रमण की आशंका समझ आती है तो अपने चिकित्सक से परामर्श लें और बताए गए निर्देशों का पालन करें। इस बात को कभी मत भूलें कि आपका स्वावलंबन, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प हर संक्रमण पर हमेशा भारी पड़ेगा। यह सही है कि मधुमेह की समस्या होने पर यदि थोड़ी भी असावधानी रखी गई तो कई अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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