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Air Pollution से निजात पाने के लिए आनंद विहार में बन रहा देश का सबसे बड़ा स्‍मॉग टावर, जानें कैसे करेगा काम

स्मॉग टावर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बिजली का अस्थायी कनेक्शन ले लिया गया है। गुरुवार को बीएसईएस ने यहां कनेक्शन देने के लिए तार खींचा। बताया गया कि निर्माण कार्य पूरा होने पर इस कनेक्शन को हटाकर स्थायी कनेक्शन दिया जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 04 Dec 2020 08:35 AM (IST)
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ऊपर से दूषित हवा लेकर नीचे से उसे स्वच्छ कर वातावरण में छोड़ेगा स्मॉग टावर।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। आनंद विहार बस अड्डा परिसर में बनने जा रहा देश का सबसे बड़ा स्मॉग टावर चिमनी की तरह दिखेगा। इनमें ऊपर की तरफ दूषित हवा खींचने के लिए पंखे लगे होंगे। बीच के हिस्से में फिल्टर लगे होंगे। इनसे गुजर कर हवा स्वच्छ होकर नीचे की तरफ जाएगी। नीचे लगे पंखे स्वच्छ हवा को बाहर फेंकेंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और इसके निर्माण में लगने वाली एजेंसी के अधिकारियों का दावा है कि यह डिजाइन व्यावहारिक है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली दूषित हवा ऊपर घूमती रहती है। यह भी बताया कि चीन में बना दुनिया का सबसे बड़ा स्मॉग टावर उल्टा काम करता है। वह नीचे से दूषित हवा लेकर शुद्ध हवा को ऊपर से छोड़ता है जोकि, व्यावहारिक नहीं है।

बिजली का कनेक्शन लिया

स्मॉग टावर का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बिजली का अस्थायी कनेक्शन ले लिया गया है। गुरुवार को बीएसईएस ने यहां कनेक्शन देने के लिए तार खींचा। बताया गया कि निर्माण कार्य पूरा होने पर इस कनेक्शन को हटाकर स्थायी कनेक्शन दिया जाएगा।

भूमि में मामूली बदलाव हुआ

दिल्ली परिवहन अवसंरचना विकास निगम (डीटीआइडीसी) ने आनंद विहार मेट्रो स्टेशन के सामने स्मॉग टावर बनाने के लिए अस्थायी रूप से भूमि आवंटित की थी। अब जब वहां काम शुरू करने के लिए निर्माण सामग्री आ रही है, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने सीपीसीबी को सूचित किया कि उस भूमि का कुछ हिस्सा पहले से दिल्ली-मेरठ रैपिड कॉरिडोर का आनंद विहार स्टेशन बनाने के लिए उनको आवंटित है। आनन-फानन रैपिड रेल स्टेशन के हिस्से की भूमि छोड़नी पड़ी। डीटीआइडीसी के अधिकारियों ने बताया कि टावर के प्रोजेक्ट के लिए बची हुई जमीन से सटी दूसरी भूमि आवंटित कर समस्या दूर कर दी गई है।

कुछ तथ्य

स्मॉग टावर लगाने के लिए भूमि का क्षेत्रफल : 2600 वर्ग मीटर

स्मॉग टावर की ऊंचाई : 78 मीटर

इसकी निर्माण लागत : 18.53 करोड़ रुपये

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