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Defamation Case: भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने वापस ली समन को चुनौती देने वाली याचिका

विजेंद्र गुप्ता ने 12 जुलाई 2019 को राऊज एवेन्यू कोर्ट से जारी समन को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की थी। मामले में गुप्ता के अलावा भाजपा नेता कपिल मिश्रा व मनजिंदर सिंह सिरसा भी आरोपित हैं। तीनों के खिलाफ इमरान हुसैन ने मानहानि का दावा किया है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:50 AM (IST)
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भाजपा नेता के वकील ने कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक आपराधिक मानहानि के मामले में निचली अदालत से जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने हाई कोर्ट से वापस ले ली है। तत्कालीन पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन की शिकायत पर गुप्ता के खिलाफ निचली अदालत ने यह समन जारी किया था। इस मामले में थोड़ी सी बहस के बाद भाजपा नेता के वकील ने कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने उन्हें अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

विजेंद्र गुप्ता ने 12 जुलाई 2019 को राऊज एवेन्यू कोर्ट से जारी समन को चुनौती देते हुए निरस्त करने की मांग की थी। मामले में गुप्ता के अलावा भाजपा नेता कपिल मिश्रा व मनजिंदर सिंह सिरसा भी आरोपित हैं। तीनों के खिलाफ इमरान हुसैन ने मानहानि का दावा किया है। वे सभी जमानत पर है। इन्होंने आरोप लगाया था कि इमरान हुसैन ने किदवई नगर सरकारी कॉलोनी परियोजना के लिए 16 हजार से अधिक पेड़ काटने की अनुमति देने के लिए रिश्वत ली थी।

मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को हाई कोर्ट में चुनौती

वहीं, मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती में दी गई है। राशन डीलर के ऐसाेसिएशन की तरफ से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति हिमा कोहली व न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ ही दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन (डीएससीएससी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

राशन डीलर के एसोसिएशन ने कहा है कि यह उनके साथ हुए करार व पहले से स्थापित कानूनों का उल्लंघन है। योजना के तहत गेहूं, आटा, चावल, चीनी आदि को पैक कर गोदाम से सीधे उपभोक्ताओं के घर पहुंचाया जाना है। दिल्ली सरकार ने इस योजना की घोषणा 21 जुलाई को की थी। दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ ने याेजना को चुनौती देते हुए कहा है कि राशन कार्डधारकों को पैकिंग अनाज सीधे घर पर पहुंचाने के लिए अक्टूबर महीने में जारी टेंडर को निरस्त कर दिया जाए। इस तरह से अनाज पहुंचाने के लिए तीन वर्षों का टेंडर जारी किया गया है।

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