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तदर्थ शिक्षकों के समायोजन के लिए पहली बार डीयू गठित करेगा कमेटी

तदर्थ शिक्षकों के आंदोलन के मद्​देनजर डीयू समायोजन की संभावनाएं तलाशने के लिए कमेटी गठित करने पर राजी हो गया है। डीयू कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों के नाम तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Wed, 09 Dec 2020 07:10 AM (IST)
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डीयू कार्यकारी परिषद की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की मंगलवार रात कार्यकारी परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। तदर्थ शिक्षकों के आंदोलन के मद्​देनजर डीयू समायोजन की संभावनाएं तलाशने के लिए कमेटी गठित करने पर राजी हो गया है। डीयू कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों के नाम तय करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कॉलेज प्राचार्यों को प्रोफेसर के बराबर मान्यता देने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ।

तदर्थ शिक्षकों केे लिए कमेटी गठित

तदर्थ शिक्षक विगत कई महीनों से आंदोलनरत हैं। ऑनलाइन धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं। डीयू में करीब 4 हजार से अधिक तदर्थ शिक्षक हैं। तदर्थ शिक्षकों की मांग है कि वे जिस कॉलेज में पढ़ा रहे हैं वहीं उन्हें समायोजित किया जाए। डीयू ने पहली बार इस मांग पर गंभीरता से अमल शुरू किया है। कार्यकारी परिषद की बैठक में एक कमेटी गठित करने पर सहमति बनी है। कार्यकारी परिषद के सदस्य प्रो जेएल गुप्ता ने बताया कि कमेटी के सदस्यों की नाम की घोषणा एक दो दिन में की जाएगी। बैठक में हाल ही में कंप्यूटर साइंस से निकाले गए 6 तदर्थ शिक्षकों का भी मसला उठा। इसके अलावा विभागों के प्रोफेसर को उनकी योग्यता के आधार पर सीनियर प्रोफेसर बनाने तथा कॉलेजों के प्रिंसिपल को प्रोफेसर के बराबर मान्यता देने पर मोहर लगी। इस नियम से वर्तमान कार्यकारी कुलपति प्रो पीसी जोशी पहले सीनियर प्रोफेसर बने हैं।

सर्च कमेटी के सदस्यों के नाम तय

डीयू कुलपति की नियुक्ति में सर्च कमेटी की अहम भूमिका होती है। सर्च कमेटी में दो सदस्य डीयू के जबकि एक सदस्य मंत्रालय से होता है। डीयू ने अपनी तरफ से सर्च कमेटी के दो सदस्यों के नाम तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीयू ने पहले चरण में सात नाम केके अग्रवाल, योगेश नारंग, वीके गुप्ता, केसी अग्निहोत्री,राजकुमार, बृज किशोर व प्रो. बलराम पाणि चुने हैं। इनमें से दो सदस्य चुने जाएंगे। जिनके नाम मंत्रालय को भेजे जाएंगे। डीयू के कुलपति प्रो.योगेश त्यागी का कार्यकाल मार्च में समाप्त हो रहा है।

ये प्रस्ताव भी हुए पास

-हिमालयी क्षेत्रों के अध्ययन के लिए सेंटर फार हिमालयन स्टडी बनेगा।

-हारमोनियम में दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने पर सहमति।

-हिंदुस्तानी संगीत में विदेशी छात्रों के लिए एक वर्षीय सर्टिफिकेट कोर्स।

-दो वर्षीय संगीत शिरोमणि डिप्लोमा पाठ्यक्रम।

-मास्टर इन पब्लिक हेल्थ पाठ्यक्रम पर बनी सहमति।

-विभिन्न कॉलेजों के गवर्निंग बॉडी के सदस्यों के नाम घोषित किए गए।

-विभिन्न विभागों में नियुक्त किए गए असिस्टेंट प्रो. के नाम घोषित किए गए।

तृतीय-चतुर्थ सेमेस्टर की संयुक्त परीक्षा पर बैठक आज

डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग एसओएल) के तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाओं के संबंध में आज महत्वपूर्ण बैठक होगी। तीसरे सेमेस्टर में दाखिला प्रक्रिया 8 नवंबर से 5 दिसंबर तक हुआ। परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि भी 5 दिसंबर ही थी जबकि 12 दिसंबर से तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं भी होनी थी। दाखिला लेने वाले छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए महज एक हफ्ते का समय मिल रहा था। इस वजह से छात्र काफी आक्रोशित हैं। छात्रों ने ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन भी किया था।


डीयू कॉलेजों के प्राचार्यों को प्रोफेसर के बराबर मान्यता देने संबंधी प्रस्ताव पास 

डीयू प्रशासन ने बताया कि करीब 40 हजार छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए हैं। बीए अंग्रेजी के 833, राजनीति विज्ञान ऑनर्स के 3149, बीए प्रोग्राम के 28950, बीकॉम के 5656 और बीकॉम ऑनर्स के 1011 छात्र परीक्षा फॉर्म नहीं भरे हैं। ऐसे में डीयू की आज महत्वपूर्ण बैठक होगी। डीयू प्रवक्ता डॉ बलराम पाणि ने बताया कि बुधवार को बैठक में यह तय होगा कि तृतीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं एक साथ कराई जाएं या नहीं। चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा अप्रैल-मई में संभावित हैं।

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