दिल्ली में लोकनायक अस्पताल ने जीवित मरीज का मृत्यु प्रमाणपत्र बनाकर फोन पर भेजा
लोकनायक के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही नाम के दो मरीज भर्ती हुए थे जिनके भर्ती होने के समय में एक मिनट का ही अंतर था। इनमें से एक की मौत हो गई थी।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 09 Dec 2020 12:10 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के सबसे बड़े कोविड अस्पताल लोकनायक में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज कराने के लिए कोरोना वार्ड में भर्ती हुए जीवित मरीज का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। मरीज को इसकी जानकारी तब हुई जब उनके फोन पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र का लिंक पहुंच गया। श्रीनिवास कुमार नामक मरीज कोरोना संक्रमित होने पर 24 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार होने पर तीन दिसंबर को उनकी फिर से कोरोना जांच कराई गई थी। इस बीच श्रीनिवास को उम्मीद थी कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आएगी और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
सोमवार सुबह जब उनकी आंख खुली तो फोन में चार मैसेज पड़े देखे। मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक किया तो खुद का ही मृत्यु प्रमाण पत्र देखकर दंग रह गए। उन्होंने तुरंत पुलिस और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को अस्पताल प्रबंधन की करतूत की जानकारी दी। इधर, मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी मिलते ही उनके परिवार के सदस्य परेशान हो गए। फिर उन्होंने एक वीडियो बनाकर घर के नंबर पर भेजा तब घर वालों को तसल्ली हुई।
वहीं, जब इस मामले पर लोकनायक के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक ही नाम के दो मरीज भर्ती हुए थे, जिनके भर्ती होने के समय में एक मिनट का ही अंतर था। इनमें से एक की मौत हो गई थी। दोनों मरीजों का एक ही नाम होने से गलती से मृत व्यक्ति की जगह जीवित मरीज का फोन नंबर मृत्यु प्रमाण पत्र पर पंजीकृत हो गया और उनके नंबर पर लिंक पहुंच गया।
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