Delhi Coronavirus Case: कोराना काल में पक्षकार को अदालत में पेश होने के लिए नहीं बुलाया जा सकता: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि विवाद 40 साल से चल रहा है और ट्रायल कोर्ट को छह माह में इस पर फैसला लेना है। हालांकि याचिका में आग्रह किया गया है कि ट्रायल कोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमा चलाने का निर्देश दिया जाए।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 09 Dec 2020 11:36 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। हाई कोर्ट ने कहा है कि एक पक्षकार या एक वकील को कोविड-19 महामारी के बीच ट्रायल कोर्ट के समक्ष शारीरिक रूप से पेश होने के लिए नहीं कहा जा सकता है, जब तक कि सभी पक्ष इस पर सहमति नहीं देते। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने स्पष्ट किया कि पक्षों को तब तक शारीरिक रूप से पेश होने के लिए नहीं कहा जा सकता जब तक कि पूर्व में जारी गाइडलाइन में संशोधन न किया जाए।
हालांकि, हाल ही में हाई कोर्ट ने एक एडवाइजरी जारी की है कि अगर पक्षकार सूचना होने के बाद भी वर्चुअल मोड के माध्यम से उपस्थित नहीं होते हैं, तो ट्रायल कोर्ट कानून के अनुसार आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है। यह आदेश एक याचिका पर आया, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने एक संपत्ति विवाद में पेशी मांगी है, लेकिन फिलहाल सभी पक्ष इसके लिए सहमत नहीं हैं।इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि विवाद 40 साल से चल रहा है और ट्रायल कोर्ट को छह माह में इस पर फैसला लेना है। हालांकि याचिका में आग्रह किया गया है कि ट्रायल कोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुकदमा चलाने का निर्देश दिया जाए। लिहाजा इस दलील को मानते हुए दलील की ट्रायल कोर्ट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही करने के लिए कहा गया है।
वेतन में बढ़ोतरी से निगम कर्मियों को होगा लाभ: संजयवहीं, दिल्ली सरकार द्वारा दैनिक वेतन भोगियों के वेतन में बढ़ोतरी को दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन संजय गहलोत ने निगम कर्मियों के लिए लाभकारी करार दिया है। उन्होंने कहा, दिल्ली सरकार ने सात दिसंबर को जारी आदेश में सफाई कर्मचारी, माली, पेंटर, फिटर, क्लर्क, बेलदार आदि सभी कुशल, अर्धकुशल एवं अन्य श्रेणियों के दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के वेतन में बढ़ोतरी करके नया आयाम पेश किया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में भी दिल्ली सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाते है। यह सभी वर्गो के कर्मचारी विशेष तौर पर दिल्ली नगर निगम में पिछले 25 वर्षो से नियमित होने की बाट जोह रहे कच्चे/एवजीदार एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए सुखद खबर है। अब नया वेतनमान निर्धारित होने के बाद इन लोगों को उसी के हिसाब से वेतन मिलेगा। उन्होंने बताया कि दैनिक वेतन भोगी की अकुशल श्रमिक की श्रेणी में 14842 की बजाय अब 15,492 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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