Weather Forecast: जानिये- देश की राजधानी दिल्ली से ज्यादा क्यों बिहार में पड़ रही है ठंड
डॉ. मृत्युंजय महापात्रा (महानिदेशक मौसम विज्ञान विभाग) का कहना है कि भौगोलिक परिस्थितियों और पश्चिमी विक्षोभों की कमी या अधिकता के कारण पूरे देश में मौसम एक जैसा नहीं रह पाता। यही स्थिति बिहार और दिल्ली एनसीआर की कही जा सकती है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 12 Dec 2020 11:58 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। बार बार बदलते मौसम के बीच इस बार सर्दी के भी कई रंग देखने को मिल रहे हैं। समूचे उत्तर भारत में कोहरा देखने को मिल रहा है। मजबूत पश्चिमी विक्षोभ नहीं होने से दिल्ली एवं आसपास सर्दी में भी गर्मी का एहसास हो रहा है जबकि बिहार में लोग कंपकंपाती ठंड महसूस कर रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो देश के अलग-अलग हिस्सों की भौगौलिक स्थिति तो एक जैसी है ही नहीं, सर्दी की रंगत में बदलाव की और भी कई वजहें हैं। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर इत्यादि राज्यों में हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय होते रहने वाले पश्चिमी विक्षोभों का काफी असर पड़ता है।
नवंबर में इसलिए पढ़ी ज्यादा ठंड मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मजबूत पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों पर तेज बारिश और बर्फबारी ही नहीं होती बल्कि उत्तर पश्चिमी हवा के साथ नमी और ठंडक भी इन राज्यों में पहुंचती है। लेकिन पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हों या लगातार आते रहें तो फिर इनका ज्यादा कम हो जाता है। इसके विपरीत अगर पश्चिमी विक्षोभ रूक रूककर आएं, उनमें थोड़ा अंतराल भी हो तो खासा असर देखने को मिलता हे। नवंबर में यही स्थिति रही तो ठंड भी अच्छी पड़ी जबकि दिसंबर में ऐसा नहीं हो रहा तो सर्दी में भी गर्मी महसूस हो रही है।
शनिवार से बढ़ सकती है ठंड मौसम विज्ञानियों के अलावा सर्दी में गर्मी की एक वजह यह भी है चक्रवात बनते ही हवा का रूख पुरवैया हो जा रहा है। इससे भी तापमान में इजाफा होता है। इसके अलाावा इस बार सर्दियों में बारिश भी 92 फीसद चल रही है। पिछले कई दिनों से जो तापमान बढ़ा हुआ है, उसकी वजह भी कमोबेश यही है,लेकिन नए पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से भी शुक्रवार को कई राज्यों में अच्छी बारिश हुई है और शनिवार को भी होने की संभावना है। दिल्ली में भी कई जगह बूंदाबांदी देखने को मिली। शनिवार को भी हो सकती है। इससे परिणामस्वरूप रविवार से दिल्ली एनसीआर में फिर ठंड बढ़ने लगेगी।
दिल्ली में शीत लहर चलने के आसार 15 और 16 दिसंबर के आसपास शीत लहर की स्थिति भी बन सकती है। दूसरी तरफ बिहार देश के पूर्वी हिस्से में आता है। यहां हिमालयी क्षेत्र के पश्चिमी विक्षोभों का असर नहीं के बराबर होता है। वहां नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों के पश्चिमी विक्षोभों का असर पड़ता है। इसीलिए वहां और यहां के मौसम में भिन्नता भी बड़े स्तर पर देखने को मिलती है। मौसम विभाग के मुताबिक बिहार अभी शीत लहर की चपेट में भी नहीं है, अपितु वहां छाए घने कोहरे की वजह से ठंडक बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की नमी भरी हवाओं का असर भी कम देखने को मिलता है।
डॉ. मृत्युंजय महापात्रा (महानिदेशक, मौसम विज्ञान विभाग) का कहना है कि भौगोलिक परिस्थितियों और पश्चिमी विक्षोभों की कमी या अधिकता के कारण पूरे देश में मौसम एक जैसा नहीं रह पाता। यही स्थिति बिहार और दिल्ली एनसीआर की कही जा सकती है। बिहार तो दूर है, दिल्ली में भी मौसम के कई रंग देखने को मिल जाते हैं। कहीं बारिश हो रही होती है और कहीं सूखा पड़ा होता है। स्थानीय कारक, ऊपरी हवा के कम दबाव का क्षेत्र और हवाओं की दिशा पर भी मौसम का बदलाव निर्भर करता है। Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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