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दिल्ली विश्वविद्यालय : ओबीई-3 के पहले दिन कहीं खुशी-कहीं गम का माहौल

डीयू के स्नातक-स्नातकोत्तर के तीसरे व पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की ओपन बुक परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुई। डीयू ने दावा किया कि पहले दिन किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आयी। हालांकि हिंदी पत्रकारिता के छात्रों ने पेपर 37 मिनट की देरी से मिलने की बात कही।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 05:03 PM (IST)
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पत्रकारिता के छात्रों ने कहा पेपर 37 मिनट की देरी से मिला।
नई दिल्ली, संजीव कुमार मिश्र। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्नातक-स्नातकोत्तर के तीसरे व पांचवे सेमेस्टर के छात्रों की ओपन बुक परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुई। डीयू ने दावा किया कि पहले दिन किसी भी विषय के पेपर में किसी तरह की कोई दिक्कत सामने नहीं आयी। हालांकि, हिंदी पत्रकारिता के छात्रों ने पेपर 37 मिनट की देरी से मिलने की बात कही।

हिंदी पत्रकारिता के छात्र गौरव ने कहा कि पेपर 9 बजकर 30 मिनट पर मिलना था लेकिन तय समय पर नहीं मिला। 37 मिनट देरी से मिला। एक अन्य छात्र ने भी पेपर विलंब से मिलने की बात कही। इस बाबत कई छात्रों ने कॉलेज के वाट्सएप ग्रुप में भी सूचनाएं साझा की। हालांकि, परीक्षा विभाग के डीन प्रो डीएस रावत ने पेपर देर से मिलने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होने कहा कि हमें ऐसी शिकायत नहीं मिली। शायद इंटरनेट स्पीड में कमी की वजह से छात्रों को पेपर देरी से मिला होगा।

छात्र पदमनाभ रेड्डी ने तंज कसते हुए कहा कि डीयू को कम से कम बढ़िया सर्वर की व्यवस्था करनी चाहिए। एक तो समय से पेपर नहीं मिलता दूसरे उत्तर पुस्तिका अपलोड होने में काफी समय लगता है। कॉमर्स ऑनर्स के छात्र वेदांत ने ट्वीट किया कि ई-कॉमर्स का पेपर था। हमें पेपर समय से मिला और अपलोड करने में भी कोई दिक्कत नहीं आयी। पेपर भी अच्छा हुआ। डीयू प्रवक्ता डॉ बलराम पाणि ने कहा कि छात्रों की उपस्थिति का आंकड़ा अभी तैयार किया जा रहा है लेकिन पहले दिन हमें किसी तरह की शिकायत नहीं मिली।

गौरतलब है कि ओबीई-3 में छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा का विकल्प दिया गया है। 5,700 छात्रों ने कॉलेज आकर परीक्षा देने का विकल्प चुना है, जबकि 1लाख, 49 हजार, 345 छात्र घर से परीक्षा देंगे।

परीक्षा केंद्रों पर ऑक्सीमीटर भी

पीजीडीएवी इवनिंग कॉलेज केे प्राचार्य डॉ आरके गुप्ता ने बताया कि कॉलेज के बजाय घर से ज्यादा छात्र परीक्षा देंगे। किसी-किसी पाठ्यक्रम में तो एक-दो छात्र ही परीक्षा देंगे। पहले दिन की बात करें तो सुबह एवं शाम की पाली को मिलाकर करीब 24 छात्रों ने परीक्षा दी। कॉलेज में प्रवेश से पहले थर्मल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुुजरे। कॉलेज में जगह जगह सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई थी। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छात्रों को बैठाया गया था। कॉलेज ने पहली दफा आक्सीमीटर की व्यवस्था की है। प्रत्येक छात्र का आक्सीजन लेवल चेक करने के बाद ही प्रवेश दिया गया।

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