Kisan Andolan: किसानों ने आलू, सब्जियों और दूध पर भी मांगा एमएसपी, प्रदर्शन लगातार जारी
चिल्ला बार्डर पर पिछले 12 दिन से धरनारत किसानों की भीड़ शनिवार शाम पांच बजे से कम होने लगी थी। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों से बैठक के बाद से किसान अपने घरों की ओर जाने लगे थे।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 13 Dec 2020 08:53 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। नए कृषि सुधार कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे किसानों ने अब आलू, अन्य सब्जियों और दूध के लिए भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग रख दी है।उत्तर प्रदेश के किसान नेता डूंगर सिंह ने कहा, 'हम अपने सभी उत्पादों के लिए एमएसपी चाहते हैं जिनमें आलू, गन्ना, अनाज, सब्जियां और दूध शामिल हैं। अब हम यह गारंटी लिखित रूप में नहीं, बल्कि एसएसपी के लिए कानून के रूप में चाहते हैं।' वहीं, आल इंडिया किसान संघर्ष कोआर्डिनेशन कमेटी के नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा, 'हम एमएसपी पर आश्वासन चाहते हैं। हम इसके तहत अपने उत्पादों की खरीद की गारंटी चाहते हैं। अगर आप एमएसपी गारंटी विधेयक लाएंगे तो किसान लाभान्वित होंगे।'
Kisan Andolan:
- कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी व ढांसा बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की संख्या शनिवार को अधिक देखी गई। दोनों ही बॉर्डर पर आवाजाही बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टीकरी बॉर्डर पर करीब पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है।
- टीकरी बॉर्डर पर चार जगहों पर बैरीकेड लगाकर पुलिसकर्मी तैनात हैं। एक बैरीकेड पर हर समय 25 पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। ढांसा बॉर्डर पर भी चलता रहा प्रदर्शनढांसा बॉर्डर पर भी अन्य दिनों की अपेक्षा किसानों की संख्या ज्यादा थी। भारतीय किसान यूनियन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र डागर ने बताया कि आम लोगों के लिए आवाजाही हमने बंद कर रखी है, लेकिन कोई एंबुलेंस आती है तो उसे जाने दिया जाता है। उधर, द्वारका जिले के पुलिस अधिकारी समय-समय पर बॉर्डर पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे। वहां पर दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया है।
- चिल्ला बार्डर पर पिछले 12 दिन से धरनारत किसानों की भीड़ शनिवार शाम पांच बजे से कम होने लगी थी। संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा केंद्र सरकार के मंत्रियों से बैठक के बाद से किसान अपने घरों की ओर जाने लगे थे। दिन में सैकड़ों की संख्या में मौजूद रहने वाले किसान शनिवार रात 9 बजे बैरिकेड हटने के तक महज 10 की संख्या में ही बचे थे।
- हालांकि देर शाम तक किसानों की ओर से रास्ता खोलने को लेकर स्थिति साफ नहीं की गई थी, लेकिन रात 9 बजे के बाद जब नोएडा पुलिस ने नोएडा से दिल्ली जाने वाली सड़क के बीचोबीच लगी बैरिकेड हटानी शुरू की तब जाकर स्थिति साफ होने लगी। इसके बाद पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी स्थिति को भी साफ किया गया। रास्ता खोलने की जानकारी दी गई। देर रात तक पुलिस अधिकारी सुरक्षा बलों के साथ यहां पर मौजूद रहे।
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