Delhi: महापौर के धरने पर हाई कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- रिहायशी क्षेत्रों में प्रदर्शन की अनुमति देना गलत
आप विधायक राघव चड्ढा और आतिशी की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार रिहायशी क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 18 Dec 2020 09:46 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निवास के बाहर नगर निगमों के महापौर के धरने पर हाई कोर्ट ने चिंता जताई है। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने सिविल लाइंस रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस तरह से रिहायशी क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन की अनुमति देने से गलत उदाहरण स्थापित होगा। उन्होंने कहा धरना भले ही शांतिपूर्ण है, लेकिन यह गलत है, क्योंकि फिर कोई भी यहां आएगा और धरना देकर वही सब किया जाएगा जैसा रामलीला मैदान और जंतर-मंतर पर किया जाता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है कि कोई प्रदर्शन करने आए और कुछ देर बाद चला जाए, लेकिन इस धरने को 11 दिन हो चुके हैं।
याचिका में कहा गया था कि पुलिस ने धरने की अनुमति देकर गलत किया है। क्योंकि, धरने की वजह से आस-पास रहने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। सड़क पर जाम लगा रहता है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि वहां टेंट लगा दिए गए हैं और तीनों मेयर वहीं से अपना दफ्तर चला रहे हैं। इस पर अदालत ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि इस तरह से दफ्तर चलाने की अनुमति कैसे दी गई? धरना दे रहे लोग शौचालय कैसे जा रहे हैं? सुनवाई के दौरान एक स्थानीय निवासी ने अदालत को बताया कि धरने की वजह से उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है। धरना दे रहे लोग नजदीक में ही बने अंबेडकर मेमोरियल के शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस पर अदालत ने कहा कि वहां दफ्तर चल रहे हैं तो जाहिर है कर्मचारी भी आ रहे हैं और फिर लोग भी अपनी शिकायत लेकर आने लगेंगे। आज एक समूह धरना दे रहा है, कल को दूसरा आ जाएगा और फिर आप भागते हुए यहां आएंगे। वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया कि महापौर और कुछ पार्षदों ने सात दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन किया और सड़क पर बैठ गए। बाद में उन्हें सड़क से हटा दिया गया और यातायात सुचारू कराया गया। पुलिस ने रिपोर्ट में कहा है कि 20-25 से ज्यादा लोग धरने पर नहीं बैठे हैं। शुक्रवार को फिर से इस मामले में सुनवाई की जाएगी।
दूसरी याचिका में पुलिस ने दिया जवाब वहीं आप विधायक राघव चड्ढा और आतिशी की तरफ से दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार रिहायशी क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। आप नेताओं ने याचिका दायर कर केंद्रीय गृह मंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल के घर के बाहर धरना देने की अनुमति मांगी थी। न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा कि इस याचिका को शुक्रवार को सुना जाएगा।
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