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दिल्ली के वजीराबाद व चंद्रावल लगाए जाएंगे अमोनिया शोधन सयंत्र, पेयजल की समस्या होगी दूर

वजीराबाद जल शोधन सयंत्र से करीब 135 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) व चंद्रावल जल शोधन सयंत्र से 90 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। पिछले कुछ दिनों से यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाने के कारण दोनों सयंत्रों से पेयजल आपूíत प्रभावित हुई है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2020 10:55 AM (IST)
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1916 पर काल कर पानी का टैंकर मंगा सकते हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ पांच घंटे बैठक कर पेयजल आपूíत बढ़ाने, यमुना में अमोनिया के संकट और सीवरेज प्रबंधन से जुड़ी परियोजनाओं की समीक्षा की। पिछले कई दिनों से यमुना में अमोनिया की समस्या बनी हुई है। इस वजह से वजीराबाद व चंद्रावल जल शोधन सयंत्र से 50 फीसद पानी आपूíत प्रभावित है। इस समस्या के निदान के लिए उन्होंने जल बोर्ड को दोनों सयंत्रों में ओजोन आधारित अमोनिया शोधन सयंत्र लगाने का निर्देश दिया है।

वजीराबाद जल शोधन सयंत्र से करीब 135 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) व चंद्रावल जल शोधन सयंत्र से 90 एमजीडी पानी की आपूर्ति होती है। पिछले कुछ दिनों से यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाने के कारण दोनों सयंत्रों से पेयजल आपूíत प्रभावित हुई है। बताया जा रहा है कि यमुना में अभी अमोनिया का स्तर तीन पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) हो गया है। इस वजह से दोनों संयंत्रों से अभी कुल क्षमता का सिर्फ 50 फीसद ही जल ही आपूर्ति योग्य है।

जल बोर्ड का आरोप है कि हरियाणा से औद्योगिक कचरा गिराए जाने से यमुना में अमोनिया की समस्या बनी हुई है। मौजूदा समय में दोनों सयंत्रों में यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर 0.8 पीपीएम तक हो तो उसका शोधन हो पाता है। इससे ज्यादा होने पर शोधन नहीं हो पाता है। शोधन सयंत्र लगाने के बाद अमोनिया की डेढ़ से दो पीपीएम तक मात्रा को शोधित किया जा सकेगा, साथ ही कई अन्य रासायनिक और जैविक प्रदूषक तत्वों का शोधन हो सकेगा।

इसके अलावा हैदरपुर जल शोधन सयंत्र में बेकार पानी के शोधन का सयंत्र लगाकर 16 एमजीडी पेयजल आपूíत बढ़ाने का निर्देश दिया है। वहीं, सप्लीमेंट्री नाले के पानी को द्वारका सेक्टर 25 में रोककर 15 एमजीडी सीवरेज का पानी रोहिणी सीवरेज शोधन सयंत्र (एसटीपी) में शोधित करने का निर्देश दिया है, ताकि नाले से यमुना में सीवरेज का पानी नहीं जाए। एसटीपी में सीवरेज के शोधन के बाद ही पानी इस नाले में गिराया जाएगा। इससे भूजल भी रिचार्ज हो सकेगा।

इसके अलावा शहादरा नाले के पानी को चिल्ला एसटीपी में ले जाकर शोधित किया जाएगा और इस नाले के चार किलोमीटर हिस्से को विकसित कर उसके पानी का इस्तेमाल भूजल रिचार्ज में किया जाएगा। इन इलाकों होगी आपूर्ति बाधित जल बोर्ड के भूमिगत जलाशयों की सफाई के कारण सोमवार को नंद नगरी, मौजपुर, ब्रह्मपुरी, जगजीत नगर, गौतम विहार, घोंडा गांव, दिलशाद गार्डन, मयूर विहार फेज एक, पाकेट चार, सीआर पार्क, डी व ई ब्लॉक, शंकर विहार, चित्रा विहार, लक्ष्मी नगर, पीडी विहार, गंगा विहार, वसंत कुंज के सेक्टर ए के पाकेट बी व सी, मैदानगढ़ी, तुगलकाबाद एक्सटेंशन, अजमेरी गेट में पेयजल आपूर्ति प्रभावित रहेगी। आपातकालीन जरूरत के लिए जल बोर्ड के केंद्रीय कॉल सेंटर में 1916 पर काल कर पानी का टैंकर मंगा सकते हैं।

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