दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के आरक्षित बेड कम करने पर विचार, कमेटी गठित
लोकनायक अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स भी अस्पताल के कुछ वार्ड को गैर कोरोना अस्पताल घोषित कर अन्य बीमारियों का इलाज शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों निजी अस्पतालों ने भी यह मांग उठाई थी कि अस्पतालों में काफी संख्या में बेड खाली पड़े हैं।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 11:36 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना के इलाज के लिए दिल्ली के अस्पतालों में 84.64 फीसद बेड खाली है। उन बेडों का इस्तेमाल दूसरी बीमारियों से पीड़ित अन्य मरीजों के इलाज के लिए नहीं हो पा रहा है। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को चार सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया है। जिसमें विभाग के विशेष सचिव उदित प्रकाश राय, दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डा. नुतन मुंडेजा के अलावा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) व एम्स के डॉक्टर शामिल हैं। यह कमेटी मौजूदा परिस्थितियों की समीक्षा कर अस्पतालों में बेड कम करने के संबंध में रिपोर्ट देगी और यह बताएगी कि अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित बेड व आइसीयू बेड कम करना चाहिए या नहीं। यदि बेड घटाने हैं तो कितना यह सिफारिश भी कमेटी करेगी। स्वास्थ्य विभाग ने 23 दिसंबर को ही कमेटी से रिपोर्ट देने के लिए कहा है। उस रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग कदम उठाएगा।
अस्पतालों में 15,902 बेड खाली उल्लेखनीय है कि अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 18,786 बेड आरक्षित है। जिसमें से 15,902 बेड खाली हैं। इसी तरह 1523 वेंटिलेटर में से 57.25 फीसद खाली पड़े हैं। बगैर वेंटिलेटर वाले 3577 आइसीयू बेड में से 81.46 फीसद बेड खाली हैं। लोकनायक अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के पदाधिकारी भी अस्पताल के कुछ वार्ड को गैर कोरोना अस्पताल घोषित कर अन्य बीमारियों का इलाज शुरू करने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों निजी अस्पतालों ने भी यह मांग उठाई थी कि अस्पतालों में काफी संख्या में बेड खाली पड़े हैं। जबकि दूसरी बीमारियों के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने यह कमेटी गठित की है।
बता दें कि दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। जबकि ठीक होने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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