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Driverless Metro in Delhi: देश की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन के साथ होगी 'वन नेशन वन कार्ड' की शुरुआत

‘एक देश एक कार्ड’ नाम से चर्चित एनसीएमसी कार्ड परिवहन के अनेक साधनों में मान्य कार्ड है जिससे देशभर में मेट्रो बस सेवाओं के इस्तेमाल के लिए शुल्क अदा किया जा सकता है और टोल तथा पार्किंग आदि शुल्क का भुगतान भी किया जा सकता है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 09:44 AM (IST)
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37 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर 25 स्टेशन हैं।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर बॉटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच बगैर चालक के मेट्रो का परिचालन 28 दिसंबर से शुरू होगा। खास बात यह है कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility Card) आने वाले समय में पूरे देश की मेट्रो में किराया भुगतान के लिए लागू किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि एक ही कार्ड से यात्री देश के किसी भी शहर की मेट्रो में सफर कर सकेंगे। वहीं फेज तीन के मजेंटा व पिंक लाइन मेट्रो कॉरिडोर पर संचार आधारित ट्रेन कंट्रोल सिग्नल सिस्टम (सीबीटीसी) का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए शुरुआत से ही इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे चालक रहित मेट्रो का परिचालन हो सके।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने अपने परिचालन के 18 साल पूरे कर लिए हैं। इस दौरान सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इसने कई कीर्तिमान स्थापित भी किए है। बृहस्पतिवार को दिल्ली मेट्रो अपने परिचालन के 19वें साल में प्रवेश कर गई। इस अवसर पर डीएमआरसी आगामी 28 दिसंबर से देश में पहली बार दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन पर बाटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच बगैर चालक के मेट्रो का परिचालन शुरू करने की घोषणा की है। इसका इस्तेमाल 23 किलोमीटर लंबी एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नई दिल्ली से द्वारका सेक्टर-21 के बीच मेट्रो से आवागमन के लिए किया जा सकेगा।

बता दें कि 37 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर 25 स्टेशन हैं। इसमें 10 एलिवेटेड व 15 भूमिगत स्टेशन हैं। इस कॉरिडोर पर दो चरणों में परिचालन शुरू हुआ था। सबसे पहले 25 दिसंबर 2017 को बाटेनिकल गार्डन से कालकाजी के बीच मेट्रो ने रफ्तार भरी थी। इसके बाद 29 मई 2018 को कालकाजी से जनकपुरी पश्चिम के बीच मेट्रो सेवा उपलब्ध हो गई। तब से मजेंटा लाइन के पूरे हिस्से पर मेट्रो का परिचालन हो रहा है। मौजूदा समय में मेट्रो में चालक मौजूद होते हैं।

चालक रहित मेट्रो के परिचालन के लिए डीएमआरसी ने एक सलाहकार कंपनी की नियुक्ति की थी, जिसने कॉरिडोर के मेट्रो ट्रैक, सिग्नल सिस्टम व कंट्रोल रूम इत्यादि का निरीक्षण किया। इसके बाद मजेंटा लाइन के कॉरिडोर पर कुछ तकनीकी बदलाव भी किए गए। इसके अलावा पिछले दिनों केंद्र सरकार ने देश में चालक रहित मेट्रो के परिचालन के लिए मंजूरी दे दी थी। चालक रहित मेट्रो के परिचालन के ट्रायल व मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) की ओर से सुरक्षा मानकों की जांच के बाद 28 दिसंबर से यह सुविधा शुरू करने का फैसला किया गया है। मजेंटा लाइन के बाद 58 किलोमीटर लंबी पिंक लाइन (शिव विहार-मजलिस पार्क) कॉरिडोर पर चालक रहित मेट्रो का परिचालन होगा। माउस के क्लिक से चलेगी मेट्रोचालक रहित तकनीक से चलने वाली हर मेट्रो ट्रेन का एक पहचान नंबर होगा।

इसके मुताबिक केंद्रीय कंट्रोल रूप में बैठकर मेट्रो के कर्मचारी हर मेट्रो ट्रेन के लिए कंप्यूटर से यह कमांड दे सकेंगे कि मेट्रो को कब डिपो से निकलकर ट्रैक पर उतरना है। कंट्रोल रूम से ही मेट्रो की गति नियंत्रित की जा सकेगी। मेट्रो खुद सभी स्टेशनों पर रुकेगी और दरवाजे भी खुद खुलेंगे और बंद होंगे। मजेंटा व पिंक लाइन पर चलने वाली मेट्रो भी अत्याधुनिक हैं। मेट्रो के आगे भी कैमरे लगे हैं और पहियों में भी सेंसर है। इसलिए ट्रैक पर कोई अवरोध होने पर खुद इमरजेंसी ब्रेक लग जाएगी। डीएमआरसी पहले ही इस तकनीक को पूरी तरह सुरक्षित बता चुका है। इस तकनीक का फायदा यह है कि आने वाले समय में महज 90 सेकेंड के अंतराल पर मेट्रो उपलब्ध हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर 2002 को ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रेड लाइन पर शाहदरा से तीस हजारी के बीच 8.4 किलोमीटर हिस्से पर मेट्रो के परिचालन का शुभारंभ किया था। डीएमआरसी का कहना है कि मौजूदा समय में मेट्रो की 11 लाइनें हैं और कुल नेटवर्क 390 किलोमीटर हो गया है। इसलिए दिल्ली मेट्रो दुनिया के बड़े मेट्रो नेटवर्क में से एक है। मौजूदा समय में प्रतिदिन करीब 350 मेट्रो ट्रेनें 18 घंटों में कुल पांच हजार फेरे लगाती हैं।

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