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हिंदुओं और जैनियों ने कुतुब मीनार परिसर में मांगा पूजा का अधिकार, कोर्ट ने पूछा- आप भक्त या भगवान

कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद हिंदुओं और जैनों के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाए जाने का आरोप लगाते हुए वहां पर कोर्ट से देवताओं की पुनर्स्थापना के साथ ही पूजा-अर्चना का अधिकार मांगा गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 12:10 PM (IST)
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संबंधित धर्मावलंबियों को यहां पर नियमित पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार परिसर में बनी कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद को 27 हिंदू और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था। इस दावे के आधार पर मस्जिद में मौजूद टूटे मंदिरों हिस्सों में पूजा करने का अधिकार दिए जाने को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट में सुनवाई 6 मार्च को होगी। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से मामले को स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा है कि क्या इस स्थल पर इस्लामिक पद्धति से प्रार्थनाएं की गई हैं। याचिका में रंजना अग्निहोत्री और हरिशंकर जैन ने मांग की है कि कोर्ट केंद्र सरकार को एक ऐसा ट्रस्ट बनाने का निर्देश दे, जो मंदिर परिसर का प्रबंधन देखे। कोर्ट से यह भी निर्देश देने की मांग की गई है कि परिसर में पुजारी तैनात किया जाए जो नियमित पूजा-अर्चना का करवाए। साथ ही संबंधित धर्मावलंबियों को यहां पर नियमित पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जाए।

वहीं, मामले में सुनवाई कर रही सिविल न्यायाधीश नेहा शर्मा ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि कोर्ट किस प्रकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। इस पर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश तथा एएसआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पूजा के अधिकार को बहाल करने की मांग की। करीब 40 मिनट तक चली सुनवाई में कोर्ट ने यह भी कहा कि एक अन्य हलफनामा देकर स्पष्ट किया जाए कि इस मामले में याचिकाकर्ता भक्त हैं या भगवान हैं।

यहां पर बता दें कि कुतुब मीनार परिसर में स्थित कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद हिंदुओं और जैनों के 27 मंदिरों को तोड़कर बनाए जाने का आरोप लगाते हुए, वहां देवताओं की पुनर्स्थापना और पूजा-अर्चना का अधिकार मांगा गया है। बता दें कि इस मुकदमे में कुल पांच याची हैं। पहले याचिकाकर्ता तीर्थकर भगवान ऋषभदेव हैं, जिनकी तरफ से हरिशंकर जैन ने निकट मित्र बनकर मुकदमा किया है। दूसरे याचिकाकर्ता भगवान विष्णु हैं, जिनकी ओर से रंजना अग्निहोत्री ने मुकदमा किया है। मामले में भारत सरकार और भारत पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) को प्रतिवादी बनाया गया है। 

इतिहासकारों के मुताबिक, आक्रमणकारी मुहम्मद गोरी के कमांडर कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण कराया था। यह भी कहा जाता है कि मंदिरों को तोड़ा गया था इसलिए देवी-देवताओं की सैकड़ों खंडित मूर्तियां आज भी यहां पर मौजूद हैं। 

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