Move to Jagran APP

एचएसआरपी मामले में चालान काटने का अभियान बंद, लाखों लोगों को राहत

21 दिसंबर के बाद से दिल्ली में इन मामलों में कोई चालान नहीं काटा गया है। विभाग का कहना है कि चालान काटने का अभियान सीमित समय के लिए था कुछ दिन बाद इसे फिर शुरू किया जाएगा।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 26 Dec 2020 09:40 AM (IST)
Hero Image
वाहनों के खिलाफ चालान काटने का अभियान बंद कर दिया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। परिवहन विभाग ने दिल्ली में बगैर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) व रंगीन स्टीकर के चलने वाले वाहनों के खिलाफ चालान काटने का अभियान बंद कर दिया है। 21 दिसंबर के बाद से दिल्ली में इन मामलों में कोई चालान नहीं काटा गया है। विभाग का कहना है कि चालान काटने का अभियान सीमित समय के लिए था, कुछ दिन बाद इसे फिर शुरू किया जाएगा।

15 दिसंबर से चल रहा था चालान काटने का अभियान

परिवहन विभाग ने 15 दिसंबर से दिल्ली व दूसरे राज्य के ऐसे वाहनों के खिलाफ चालान काटने का अभियान शुरू किया था, जो बिना एचएसआरपी और रंगीन स्टीकर के चल रहे थे। परिवहन विभाग पहले बड़े स्तर पर अभियान चलाने की तैयारी में था, जिसके लिए करीब 50 टीमें बनाई गई थीं। लेकिन, बाद में इस बारे में बदलाव किया गया था और केवल 9 टीमें ही लगाई गई थीं।

सभी मामलों में 1800 चालान काटे गए

इन टीमों ने 20 दिसंबर तक चालान काटे थे जिनमें कुल मिलाकर सभी मामलों में 1800 चालान काटे गए। 19 दिसंबर को सर्वाधिक 497 वाहनों के चालान काटे गए थे। एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर दोनों ही मामलों में 5500-5500 रुपये के चालान निर्धारित किया गया है।

केवल लोगों को जागरूक करने के लिए था

हालांकि, चालान को लेकर परिवहन विभाग ने कहा है कि चालान काटने का अभियान बहुत सीमित स्तर पर था। यह केवल लोगों को जागरूक करने के लिए था। लोग जल्द से जल्द अपने वाहन में एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर लगवा लें। इसके अलावा कार मालिकों को राहत दी गई कि अगर एक ही कार में एचएसआरपी व रंगीन स्टीकर दोनों नहीं हैं तो उन मामले में एक ही चालान 5500 रुपये का काटा गया।

दिल्‍ली-एनसीआर की खबरों को पढ़ने के लिए यहां करें क्‍लिक

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।