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Delhi Cyber Crime: सावधान ! आपके बैंक खाते पर है साइबर ठगों की नजर, चूके तो लुटा बैठेंगे रकम

Delhi Cyber Crime वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल के बाद से अलग-अलग तरीके से ठगी की जा रही है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्से में मौजूद ठग खास तरीके से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 26 Dec 2020 12:10 PM (IST)
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225 से ज्यादा ठगों को अप्रैल के बाद गिरफ्तार किया गया।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। कोरोना वायरस संक्रमण के संकट के बीच ऑनलाइन खरीदारी और लेन-देन में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है। इससे जहां डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिला है, वहीं दूसरी तरफ साइबर ठगी के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया है। आलम यह है कि लाकडाउन के दौरान प्रतिमाह करीब साढे चार हजार लोगों के साथ ठगी की घटनाएं हुई हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना संकट से पहले यह आंकड़ा बेहद कम था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग तरीके से ठगी की जा रही है। इसमें देश के अलग-अलग हिस्से में मौजूद ठग खास तरीके से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।

  • 1500 शिकायतें हर माह औसतन मार्च से पहले आती थीं।
  • 4500 शिकायतें अप्रैल से जुलाई तक हर माह साइबर ठगी की दर्ज हुईं।
  • 225 से ज्यादा ठगों को अप्रैल के बाद गिरफ्तार किया गया।
  • 1,00,000 से अधिक लोगों को ठगों ने सोलर लाइट व लैपटाप का झांसा देकर ठगा
  • 2500 लोगों को नौकरी का झांसा देकर काल सेंटर के जरिये ठगा।
  • 78 फर्जी आइडी बनाकर लाखों लोगों को ठगों ने पीएम केयर फंड के नाम पर यूपीआइ आइडी के जरिये चूना लगाया।
  • 15 हजार लोगों को पीएम शिशु विकास योजना के नाम पर ठगा।
  • 62 फीसद शिकायत आनलाइन रुपये ठगने की पुलिस के पास आई।
  • 24 फीसदी ठगी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से की गई।
  • 14 फीसद अपराध मोबाइल हैकिंग व डाटा चोरी के जरिये किए गए।
मेवात से लेकर पश्चिम बंगाल तक ठग सक्रिय

ओएलएक्स, क्विकर और क्यूआर कोड से ठगी की घटनाएं ज्यादातर मेवात-मथुरा-भरतपुर के ठग कर रहे थे, जबकि केवाइसी और यूपीआइ के द्वारा लोगों के खाते से रुपये निकालने जैसी ठगी की वारदात को झारखंड, पश्चिम बंगाल व बिहार के ठग अंजाम दे रहे थे। इन मामलों में पुलिस ने कुल 41 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं, काल सेंटर के माध्यम से लोगों से ठगी करने वाले 125 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया।

फर्जी वेबसाइट के माध्यम से भी हुई ठगी

कुछ ठग आयुष्मान योजना, वोटर आइ कार्ड और पीएम विकास योजना की फर्जी वेबसाइट के माध्यम से ठगी कर रहे थे। पुलिस ने इन मामलों में भी 125 ठगों को गिरफ्तार किया है। वहीं इस दौरान भगोड़ा चल रहे 214 साइबर अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया।

दस दिन पकड़े पांच अवैध कॉल सेंटर

10 दिनों में ही पुलिस ने पांच अवैध काॉल सेंटरों का पर्दाफाश कर ठगी करने वाले दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। यही नहीं गलत संदेश व कंटेट वाले आनलाइन मीडिया पर अलग-अलग बनाए गए 278 प्रोफाइल को भी बंद कराया गया।

ऐसे करें बचाव

अधिकांश ठगी की घटनाएं लापरवाही की वजह से होती हैं, इसलिए बैंक खाता व एटीएम संबंधी कोई भी जानकारी फोन पर किसी को भी नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा इंटरनेट पर भी अनचाहे ईमेल और लिंक से बचें। ऐसा करने से ठग लोगों का कंप्यूटर और मोबाइल फोन हैक कर ठगी की घटना को अंजाम देते हैं।

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