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80 के बजाए 60 फीसद तक 33 निजी अस्पतालों में आरक्षित रहेंगे आइसीयू बेड: दिल्ली सरकार

22 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 33 निजी अस्पतालों के 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि दिल्ली सरकार की चुनौती याचिका पर सुनवाई के बाद रोक लगाने के फैसले का हटा दिया था।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 29 Dec 2020 01:48 PM (IST)
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पैनल के सुझाव पर फैसला लेने के बाद दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को दी जानकारी । फोटो- ANI

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट सूचित किया कि विशेषज्ञों के पैनल के सुझाव पर 33 निजी अस्पतालों में अब 80 फीसद के बजाए 60 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने का फैसला लिया गया है। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति एस प्रसाद की पीठ को बताया कि उन्होंने यह फैसला 27 दिसंबर को दो सदस्यीय पैनल से बात करने के बाद लिया है। इस पैनल में शामिल रहे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक व एक नीति आयोग के सदस्य ने भी कोरोना मरीजों के लिए भविष्य में 60 फीसद बेड आरक्षित करने के विशेषज्ञों की समिति की सिफारिश पर सहमति जताई है।

इस दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन व एडिशनल स्टैंडिंग काउंसल संजय घोष ने कहा कि बेड आरक्षित करने के बिंदु पर पांच जनवरी को दोबारा समीक्षा की जाएगी। इसके बाद पीठ ने सुनवाई को आठ जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।

दिल्ली हाई कोर्ट में 33 निजी अस्पतालों के 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के फैसले को एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स चुनौती दी गई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए 24 दिसंबर को न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने निजी अस्पतालों के सैकड़ों आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के फैसले को अमानवीय करार दिया था। पीठ ने कहा था ऐसे में जब दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर में कमी आ रही है और कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है तो आइसीयू बेड को आरक्षित रखना जारी नहीं रखा जा सकता है।

हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स की याचिका पर 22 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने 33 निजी अस्पतालों के 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि, दिल्ली सरकार की चुनौती याचिका पर सुनवाई के बाद रोक लगाने के फैसले का हटा दिया था।

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