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Delhi Air Pollution 2020: तीन सालों के दौरान इस बार सबसे अधिक दिन हवा रही साफ

Delhi Air Pollution 2020 फर इंडिया ने कहा है कि बृहस्पतिवार शाम को कुछ समय के लिए हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। पहली जनवरी को भी हवा बेहद खराब से गंभीर श्रेणी के बीच रहेगी।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 31 Dec 2020 08:36 AM (IST)
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2018 और वर्ष 2019 में ऐसे दिनों की संख्या बहुत कम रही थी।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Delhi Air Pollution 2020:  दिल्ली के साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम औऱ फरीदाबाद में भी वायु प्रदूषण खराब श्रेणी में बना हुआ है। सफर इंडिया ने कहा है कि बृहस्पतिवार शाम को कुछ समय के लिए हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है। पहली जनवरी को भी हवा बेहद खराब से गंभीर श्रेणी के बीच रहेगी। इस बीच सफर इंडिया द्वारा जारी एक आंकड़े में कहा गया है कि पिछले तीन साल में इस साल दिल्ली में सबसे अधिक दिन हवा स्वच्छ रही। लिहाजा, इस साल प्रदूषण का असर कम रहा। इस साल 249 दिन वातावरण में पीएम-10 और 173 दिन पीएम-2.5 का स्तर सामान्य से ज्यादा रहा, जबकि इस साल 116 दिन पीएम-10 का स्तर सामान्य से कम और 192 दिन पीएम-2.5 का स्तर सामान्य से कम रहा। वर्ष 2018 और वर्ष 2019 में ऐसे दिनों की संख्या बहुत कम रही थी। जाहिर तौर पर इसका सबसे बड़ा कारण लाकडाउन रहा। यह देखा गया था कि लाकडाउन के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या घटने और औद्योगिक इकाइयां बंद होने से हवा साफ हो गई थी। अक्टूबर से प्रदूषण फिर बढ़ गया था।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 290 रहा, जो खराब श्रेणी में उच्चतम स्तर पर है। एक दिन पहले दिल्ली का एयर इंडेक्स 265 था। ग्रेटर नोएडा, नोएडा व गाजियाबाद में एयर इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। सफर इंडिया ने कहा कि बृहस्पतिवार की शाम को जहांगीरपुरी, विनोबापुरी, पीरागढ़ी, ओखला व द्वारका के आसपास का इलाका सबसे अधिक प्रदूषित रहेगा। इससे पहले दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बुधवार को आंशिक बढ़ोतरी हुई, लेकिन हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में बनी रही।

दिल्ली-एनसीआर का एयर इंडेक्स

  • ग्रेटर नोएडा- 315
  • गाजियाबाद- 310
  • नोएडा- 302दिल्ली- 290
  • फरीदाबाद- 289
  • गुरुग्राम- 227

बता दें कि पिछले एक पखवाड़े से भी अधिक समय से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बिल्कुल खत्म हो गई हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की वजह अब स्थानीय है।

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