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दिल्‍ली में कोरोना के कहर के कम होते ही केजरीवाल सरकार ने अस्‍पतालों को दी बड़ी राहत

लोकनायक जीटीबी व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी (आरजीएसएस) सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल (एसआरएचसी) सहित उन सात अस्पतालों में 2556 बेड घटा दिए गए हैं। इसलिए उन अस्पतालों में उन बेडों का इस्तेमाल दूसरी बीमारियों के मरीजों के इलाज में हो सकेगा।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:45 AM (IST)
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दिल्ली सरकार के सात अस्पतालों में 54.43 फीसद बेड किए गए कम।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद दिल्ली सरकार ने सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित बेड कम करने का फैसला किया है। ताकि दूसरी बीमारियों के पीड़ित मरीजों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसके तहत दिल्ली सरकार के सात अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित 54.43 फीसद बेड कम कर दिए हैं।

लोकनायक, जीटीबी व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी (आरजीएसएस), सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल (एसआरएचसी) सहित उन सात अस्पतालों में 2556 बेड घटा दिए गए हैं। इसलिए उन अस्पतालों में उन बेडों का इस्तेमाल दूसरी बीमारियों के मरीजों के इलाज में हो सकेगा। दिल्ली सरकार के उन सात अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 4696 बेड आरक्षित थे। जबकि अब 2140 बेड आरक्षित रहेंगे।

वहीं, 108 निजी अस्पतालों में भी बेड कम किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने 50 बेड से छोटे अस्पतालों को पहले कोरोना के इलाज के लिए 20 फीसद बेड आरक्षित करने का आदेश दिया था। इसके अलावा 14 बडे अस्पतालों को 50 फीसद बेड आरक्षित रखने का आदेश दिया था। अब उन अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए आरक्षित बेड कम कर दिए गए हैं।

हालांकि, पूरी तरह कोविड अस्पताल में तब्दील साकेत स्थित मैक्स, वसंत कुंज फोर्टिस, सरोज सुपर स्पेशियलिटी, महादुर्गा चेरिटेबल ट्रस्ट व गंगाराम सिटी अस्पताल में बेड नहीं घटाए गए हैं।

अस्पताल

पहले आरक्षित बेड - अब आरक्षित बेड

लोकनायक 2010   1000

जीटीबी 1500        500

आरजीएसएस 650  500

एसआरएसची 215   50

दीपचंद बंधु 213      50

अंबेडकर अस्पताल 60 20

एसजीएम अस्पताल 48 20

इधर बता दें कि एम्स ने कोरोना के टीके के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए समय बढ़ा दिया है। पहले 31 दिसंबर तक वालंटियर का पंजीकरण और टीके की पहली खुराक देने का समय निर्धारित था। इसे बढ़ाकर अब चार जनवरी तक कर दिया गया है। दरअसल तीसरे चरण के ट्रायल में देश के 25 अस्पतालों में करीब 26 हजार लोगों पर टीके का परीक्षण होना है। इसी क्रम में एम्स में करीब डेढ़ हजार लोगों को यह टीका दिया जाना है। लेकिन, अभी तक 477 लोग ही टीका लेने पहुंच सके हैं। इस वजह से ट्रायल का समय बढ़ाने का फैसला हुआ है।

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