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Barapula Phase-3 Elevated Corridor: यमुना की धार ने क्षतिग्रस्त किया पिलर की नींव का फाउंडेशन

Barapula Phase-3 Elevated Corridor परियोजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग का प्रयास है कि यमुना के जल स्तर के बढ़ने से पहले इस फाउंडेशन को फिर से तैयार कर पिलर बनाने का कार्य कम से कम यमुना के जल स्तर से ऊपर तक पूरा कर लिया जाए।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 01 Jan 2021 11:40 AM (IST)
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टेढ़े हुए फाउंडेशन का वजन करीब 80 टन है।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। Barapula Phase-3 Elevated Corridor: यमुना नदीं पर बन रहे बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कॉरिडोर के एक पिलर की नींव के फाउंडेशन (आधार) को जल की धार ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। जल की सतह से करीब 50 फीट गहराई में धार से यह फाउंडेशन टेढ़ा हो गया है। जिस पिलर का फाउंडेशन टेढ़ा हुआ है यह इस कारिडोर की सराय काले खां की ओर से मयूर विहार जाने वाली लेन पर है। तकनीेकी विशेषज्ञ इसे जटिल समस्या मान रहे हैं। उनका कहना है कि टेढ़े हुए फाउंडेशन को मई तक हर हाल में पूरा करना होगा, अन्यथा यह कार्य एक साल और बाद पूरा हो सकेगा। टेढ़े हुए फाउंडेशन का वजन करीब 80 टन है। अब इसे बाहर निकालने के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है। इसके लिए जल्द ही काम शुरू होने जा रहा है। इस स्थान के चारों ओर मिट्टी डालकर बांध बनाया जाएगा। फिर पिलर वाले स्थान से पानी निकालकर इसे सुखाया जाएगा। फाउंडेशन के ऊपर की मिट्टी निकालकर उसे काट-काटकर निकाला जाएगा। इसके बाद यहां पर फिर से पिलर बनाने की तैयारी की जाएगी। परियोजना पर काम कर रहे लोक निर्माण विभाग का प्रयास है कि यमुना के जल स्तर के बढ़ने से पहले इस फाउंडेशन को फिर से तैयार कर पिलर बनाने का कार्य कम से कम यमुना के जल स्तर से ऊपर तक पूरा कर लिया जाए।

जून तक जमीन मिलने के आसार

पूर्वी दिल्ली को दक्षिणी दिल्ली से जोड़ने वाली सिग्नल फ्री बारापुला फेज-तीन एलिवेटेड कारिडोर का निर्माण कार्य चार साल बाद भी अधर में है। इसके तहत मयूर विहार फेज-एक से सराय काले खां तक साढ़े तीन किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कारिडोर बनाया जा रहा है। इस पर 68 फीसद काम पूरा हो चुका है। इसके बन जाने पर बारापुला की मयूर विहार से एम्स तक कुल लंबाई करीब 9 किलोमीटर हो जाएगी, जिस पर कोई लालबत्ती नहीं होगी। इस परियोजना के बीच डिफेंस कालोनी सब डिविजनल के तहत रजापुर नगली गांव के किसानों की 34,526 वर्ग मीटर खेती की जमीन आ रही है, जिसे अधिग्रहित किया जाना है। जमीन अधिग्रहण के लिए दिल्ली सरकार का भूमि एवं विकास विभाग करीब एक साल पहले अधिसूचना जारी कर चुका है। जिसके बाद जमीन का एक सौ मीटर का हिस्सा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह जमीन जल्द विभाग को मिल सकेगी। इस जमीन पर भी एक पिलर बनाया जाना है। इसके अलावा परियोजना के लिए अन्य भागों की जमीन भी जून तक विभाग को मिलने की उम्मीद है।

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