कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार को घेरा, नगर निगमों की बदहाली का लगाया आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. नरेश कुमार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर यह कहा है कि दिल्ली सरकार और भाजपा की आपसी खींचतान का ही नतीजा है कि बीते 12 दिनों से निगम कर्मचारियों ने सफाई नहीं की है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:43 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। नगर निगमों की बदहाली को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी का कहना है कि भाजपा निगमों और आप सरकार की नूरा कुश्ती में दिल्ली का बुरा हाल हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने सोमवार को एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता के प्रति पूर्णत असंवेदनशील है। निगम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं।
यदि दिल्ली सरकार पांचवें वित्त आयोग के अनुसार 7000 करोड़ की लंबित राशि निगम को दे देती है तो निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सकेगा। लेकिन बहुत ही आश्चर्य की बात है कि निगम कर्मचारियों के वेतन न मिलने पर हड़ताल पर जाने की धमकी पर दिल्ली सरकार ने निगम अस्पतालों को टीकारण अभियान से भी हटा दिया।डा. नरेश कुमार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को लिखा पत्र
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. नरेश कुमार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर यह कहा है कि दिल्ली सरकार और भाजपा की आपसी खींचतान का ही नतीजा है कि बीते 12 दिनों से निगम कर्मचारियों ने सफाई नहीं की है। दिल्ली कूड़े के ढेर में बदल गई है। उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि दिल्ली और दिल्लीवासियों की बेहतरी के लिए आप दोनों को बुला सुलह कराएं। अगर फिर भी चीजें सही नहीं होती हैं तो उपराज्यपाल कठोर कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार को भंग करने की सिफारिश कर दें।
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. नरेश कुमार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर यह कहा है कि दिल्ली सरकार और भाजपा की आपसी खींचतान का ही नतीजा है कि बीते 12 दिनों से निगम कर्मचारियों ने सफाई नहीं की है। दिल्ली कूड़े के ढेर में बदल गई है। उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि दिल्ली और दिल्लीवासियों की बेहतरी के लिए आप दोनों को बुला सुलह कराएं। अगर फिर भी चीजें सही नहीं होती हैं तो उपराज्यपाल कठोर कदम उठाते हुए दिल्ली सरकार को भंग करने की सिफारिश कर दें।
उन्होंने यह भी कहा कि एक तरफ दिल्ली सरकार कह रही है कि हमने सफाई कर्मचारियों के वेतन के लिए नगर निगमों को 968 करोड़ रुपये दे दिए हैं। जबकि मेयर कह रहे हैं कि हमें कोई पैसा नहीं मिला है। यह भी अपने आप में चौकाने वाली बात है। उपराज्यपाल को समय रहते इसका निवारण करना चाहिए।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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