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Kisan Agitation Delhi-NCR: गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान नहीं हैं एकमत

Kisan agitation Delhi-NCR पंजाब से आए परविंदर भी सुखवीर की बातों में हां में हां मिलाते हुए कहते हैं कि आंदोलन अपनी जगह है और गणतंत्र दिवस अपनी जगह। दोनों को एक साथ नहीं किया जाना चाहिए।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 20 Jan 2021 10:54 AM (IST)
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रैली निकालने पर कहीं न कहीं इसका गलत संदेश दूसरे देशों में जाएगा।
नई दिल्ली [भगवान झा]। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के बीच पिछले दिनों आई दरार को मिटाने के लिए हो रही बयानबाजी के बीच गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली को लेकर भी किसान एकमत नहीं हैं। सिंघु पर आंदोलनरत कई किसान इस पक्ष में नहीं हैं कि राष्ट्रीय पर्व के दिन कोई भी ऐसी हरकत हो, जिससे देश की प्रतिष्ठा को धक्का लगे। इनका साफ कहना है कि हम ट्रैक्टर रैली किसी दूसरे दिन भी प्रस्तावित कर सकते हैं और सरकार तक अपनी बात आसानी से पहुंचा सकते हैं। गणतंत्र दिवस के दिन पूरी दुनिया की नजर भारत पर रहती है और इस दिन हम अपनी ताकत का अहसास कराते हैं। ऐसे में ट्रैक्टर रैली निकालने पर कहीं न कहीं इसका गलत संदेश दूसरे देशों में जाएगा।

सिंघु बार्डर पर पंजाब से आए सुखवीर ने बताया कि हम अपनी मांगों को लेकर यहां आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के साथ वार्ता भी हो रही है। भले ही अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला हो, लेकिन दोनों पक्ष आपस में बातचीत कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। जहां तक किसान संगठनों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली की बात है तो मेरा मानना है कि कम से कम 26 जनवरी को इसे स्थगित किया जाना चाहिए। हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि भले ही हमारे बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हो, लेकिन जब बात देश की आएगी तो हमारी एकजुटता हमेशा से रही है और आगे भी रहेगी। पंजाब से आए परविंदर भी सुखवीर की बातों में हां में हां मिलाते हुए कहते हैं कि आंदोलन अपनी जगह है और गणतंत्र दिवस अपनी जगह। दोनों को एक साथ नहीं किया जाना चाहिए।

तिलक नगर से सिंघु बार्डर पहुंचे राकेश कुमार ने बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहा आंदोलन कितना सही और कितना गलत है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। लेकिन, प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर किसान संगठनों को विचार करने की जरूरत है। भले ही किसान संगठन शांतिपूर्ण ट्रैक्टर रैली की बात कह रहे हैं, लेकिन यह न तो देश के लिए ठीक है और न ही आंदोलन के लिए। साथ ही आंदोलन के दौरान इस बात का जरूर खयाल रखा जाना चाहिए कि इससे किसी को परेशानी न हो। सिंघु बार्डर के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अब इससे परेशानी होनी शुरू हो गई है। देश पहले से ही कोरोना संकट से जूझ रहा है और अब दिल्ली वासी इस आंदोलन के कारण परेशान हो रहे हैं।

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