दक्षिणी दिल्ली के रेस्तरां में 'हलाल' या 'झटके' का है मीट का बोर्ड लगाना अनिवार्य
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में रेस्तरां संचालकों को मीट बिक्री पर यह बोर्ड लगाना अनिवार्य हो गया है कि वह वह मीट झटके का है या हलाल का। निगम की मीटिंग में इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पास किया गया है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 21 Jan 2021 10:21 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में रेस्तरां संचालकों को मीट बिक्री पर यह बोर्ड लगाना अनिवार्य हो गया है कि वह वह मीट 'झटके' का है या 'हलाल' का। निगम की मीटिंग में इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पास किया गया है। प्रस्ताव में मीट की दुकान या रेस्तरां में 'झटके का मीट' है या 'हलाल का मीट' का बोर्ड लिखना जरुरी कर दिया गया है।
बता दें कि पूर्वी दिल्ली में इस तरह का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। इसके बाद उत्तरी और दिल्ली नगर निगम में मीट की दुकानों में हलाल या झटके का है मीट का बोर्ड लगाने के लिए प्रस्ताव पास करने की तैयारी लंबे समय से चल रही थी।दरअसल. भाजपा नेता आरपी सिंह ने तीनों महापौर को साल 2018 में ही पत्र लिखकर मांग की थी कि मीट की बिक्री करने वाले रेस्तरां और दुकानदारों को यह बोर्ड लगाने के लिए बाध्य किया जाए कि वह जो मीट ग्राहकों को बेच रहे हैं, वह 'हलाल' का है या 'झटके' का। इसके बाद पूर्वी दिल्ली नगर की स्थायी समिति ने यह प्रस्ताव पारित कर दिया था।
लंबे समय से की जा रही थी मांगदरअसल, कुछ सिख नेताओं की तरह से यह मांग उठी थी कि हम क्या खा रहे हैं? इसकी जानकारी होनी ही चाहिए। दरअसस, सिख धर्म में हलाल का मीट खाने पर पाबंदी है। इसलिए मीट की बिक्री पर हलाल या झटके के बोर्ड दुकानों पर लगना चाहिए। उनका कहना था कि जो सिख हलाल मीट खाएगा उसे जागरूक किया जाएगा कि सिख धर्म में इसे खाना प्रतिबंधित है।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।