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अतिथि शिक्षक को दिल्‍ली सरकार देने जा रही गुड न्‍यूज, सहायता प्राप्त स्कूलों में जल्‍द शुरू करेंगे पढ़ाना

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में ई-5 शाखा को सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लंबे समय से कुछ विषयों के शिक्षकों की कमी थी।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:31 AM (IST)
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गवर्नमेंट एडेड स्कूलों में अब अतिथि शिक्षक भी छात्रों की कक्षाएं ले सकेंगे।
नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। दिल्ली के सरकारी सहायता प्राप्त (गवर्नमेंट एडेड) स्कूलों में अब अतिथि शिक्षक भी छात्रों की कक्षाएं ले सकेंगे। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में ई-5 शाखा को सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लंबे समय से कुछ विषयों के शिक्षकों की कमी थी। इन स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए ही अतिथि शिक्षकों को इन पदों पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।

हालांकि, ये नियुक्ति अस्थाई तौर पर ही की जाएगी। यानी जब तक इन स्कूलों में नियमित शिक्षक की नियुक्ति नहीं कर ली जाती तब तक अतिथि शिक्षक ही इन स्कूलों में छात्रों को पढ़ाएंगे। सहायता प्राप्त स्कूलों की प्रबंधन समिति को अपने स्कूल में खाली पड़े शिक्षकों के पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती के लिए निदेशालय को एक औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत करना होगा। इसमें प्रबंधन समिति को निदेशालय को एक विषयवार सूची देनी होगी।

मेरिट आधारित होगी नियुक्ति

एडेड स्कूल ब्रांच के सहायक शिक्षा निदेशक संजय कुमार ने बताया कि अतिथि शिक्षकों की इस नियुक्ति की जिम्मेदारी ई-5 शाखा को दी गई है। इसमें अतिथि शिक्षकों की सहायता प्राप्त स्कूलों में जो नियुक्ति की जाएगी वो मेरिट आधार पर होगी। फिलहाल कोरोना महामारी को देखते हुए स्कूलों में सभी स्कूलों में कक्षाएं आनलाइन माध्यम से ली जा रही हैं। ऐसे में सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्ति के बाद अतिथि शिक्षक भी आनलाइन माध्यम से छात्रों की कक्षाएं लेंगे।

प्रबंधन समिति करेगी पांच फीसद वेतन का भुगतान

निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अतिथि शिक्षकों को वेतन के भुगतान के लिए पांच फीसद हिस्सा सहायता प्राप्त स्कूल प्रबंधन की तरफ से दिया जाएगा। वहीं, 95 फीसद हिस्सा सरकार की तरफ से मिलेगा। ये वेतन प्रतिदिन के हिसाब से ही होगा। यानी जितने दिन अतिथि शिक्षक कार्य करेंगे उन्हें उतने दिन का ही वेतन दिया जाएगा। वहीं, सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के अन्य नियम और शर्तें सरकारी स्कूलों में नियुक्ति के अनुसार ही होंगी।

215 सहायता प्राप्त स्कूलों मेें शिक्षकों के 30 फीसद पद खाली

दिल्ली में फिलहाल 215 सहायका प्राप्त स्कूल हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों के लगभग तीस फीसद पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। सहायता प्राप्त शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजीव यादव के मुताबिक दिल्ली के 200 से अधिक सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों के लगभग 6500 पद हैं। लेकिन, मौजूदा समय में लगभग पांच हजार शिक्षक ही स्कूलों में नियुक्त हैं। बाकि तकरीबन 1500 पदों पर नियुक्ति ही नहीं हुई। ऐसें में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना छात्रों को करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि कई स्कूल ऐसे हैं जहां आठ से दस शिक्षकों के पद खाली हैं। ऐसे में इन पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति भी बहुत आवश्यकता थी। उन्होंने कहा कि संगठन लंबे समय से ये मांग कर रहा था कि अगर सहायता प्राप्त स्कूलों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती है तो अतिथि शिक्षक ही छात्रों की पढ़ाई कराएं ताकि बच्चों का पाठ्यक्रम न छूटे। उन्होंने कहा कि संगठन शिक्षा निदेशालय के अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति देने के फैसले का स्वागत करता है। इससे लाखों छात्रों के भविष्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

दो लाख छात्रों को मिलगा फायदा

सरकार के इस फैसले से 215 सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग दो लाख छात्रों को फायदा होगा। सहायता प्राप्त शिक्षक संघ के महासचिव राजीव मित्तल ने बताया कि दिल्ली के सहायता प्राप्त स्कूलों में कई बार पूरे वर्ष कुछ विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती। ऐसे में छात्रों के भविष्य पर भी असर पड़ता है। चूंकि कुछ विषयों के शिक्षक नियुक्त नहीं होते ऐसे में दूसरे विषयों के शिक्षक उन कक्षाओं को लेते हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी स्कूल में कंप्यूटर विषय का शिक्षक नहीं है तो हिंदी या किसी भी अन्य विषय का शिक्षक कंप्यूटर की कक्षा लेता है। राजीव ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब छात्रों को विषय के हिसाब से शिक्षक मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि संगठन बीते पांच सालों से रिक्त पड़े पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कर रहा था।

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति मिलने से उन अतिथि शिक्षकों को रोजगार मिलेगा जो स्कूल बंद होने के बाद से बेरोजगार हो गए थे। साथ ही छात्रों को भी परीक्षा की तैयारी करने में सहायता मिलेगी।

शोएब राणा, पदाधिकारी, आल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन

अतिथि शिक्षकों की सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्ति देना का फैसला एक प्रकार से सहायता प्राप्त स्कूलों के पक्ष में मील का पत्थर साबित होगा। यह फैसला निश्चित रूप से छात्रों के परिणामों में भी सुधार लाएगा।

रमाकांत तिवारी, प्रधानाचार्य, एचएमडीएवी स्कूल, दरियागंज

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