Delhi News: बिना पंजीकरण के नहीं चलेंगे दिल्ली में पीजी
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने वर्ष 2020-21 के लिए संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2021-22 के लिए बजट प्रस्ताव पेश किए हैं। गोस्वामी ने दिल्ली सरकार पर 13 हजार करोड़ में से निगम को 6379 करोड़ का फंड नहीं देने का आरोप लगाया।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 24 Jan 2021 06:27 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने वर्ष 2020-21 के लिए संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2021-22 के लिए बजट प्रस्ताव पेश किए हैं। निगम सदन की विशेष बैठक में गोस्वामी ने दिल्ली सरकार पर 13 हजार करोड़ रुपये में से उत्तरी निगम को 6379 करोड़ रुपये का फंड नहीं देने का आरोप लगाया।
खराब आर्थिक स्थिति के बीच स्थायी समिति अध्यक्ष ने राजस्व बढ़ाने के लिए उत्तरी निगम क्षेत्र के पेइंग गेस्ट (पीजी) को निगम से पंजीकरण के दायरे और उनसे प्रति कमरे के हिसाब से शुल्क लेने का प्रस्ताव रखा। फूड वैन, निगम के पार्को में नर्सरी और इमारतों पर एलईडी स्क्रीन पर विज्ञापन से राजस्व कमाने के प्रस्ताव रखे। गोस्वामी ने बताया कि उत्तरी निगम क्षेत्र में 50 हजार से ज्यादा पीजी चल रहे हैं।इसका उपयोग व्यवसाय के रूप में हो रहा है। इसलिए इनको प्रति कमरे के हिसाब से पंजीकरण किया जाएगा, साथ ही प्रति कमरे के हिसाब से वार्षिक या मासिक शुल्क लिया जाएगा। पार्षदों को विकास कार्य के लिए मिलने वाले फंड को 50 लाख से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है।
अनधिकृत कालोनियों में मिलेगा हेल्थ व ट्रेड लाइसेंस:स्थायी समिति के अध्यक्ष ने उत्तरी निगम क्षेत्र में बसी 900 अनधिकृत कालोनियों में व्यावसायिक गतिविधियों को नियमित करने का प्रस्ताव रखा है। इनमें हेल्थ व ट्रेड लाइसेंस जारी हो सकेंगे, वहीं इन कॉलोनियों में चलने वाले फार्म हाउसों को भी नियमित किया जाएगा।
निगम की इमारतों पर एलईडी लगाकर राजस्व बढ़ाया जाएगा। यहां पर अब हेल्थ यानी रेस्तरां और खाने की वस्तुओं की बिक्री को मंजूरी दे दी जाएगी। किराने से लेकर अन्य तरह की दुकानों के लिए ट्रेड लाइसेंस जारी कर व्यापार करने की अनुमति दी जाएगी।
पार्को में नर्सरी उत्तरी निगम के पास छह हजार पार्क हैं। इसमें से बड़े पार्को में निगम निजी नर्सरी चलाने की अनुमति देगा। इसका लाभ निगम को दो तरह से मिलेगा। एक तो राजधानी के लिए पौधों की किस्म तैयार करने में वृद्धि होगी, वहीं, पार्को की स्थिति भी सुधरेगी। निगम को इससे राजस्व भी मिलेगा। मालियों की कमी के कारण पार्को की स्थिति बिगड़ रही है।जब निजी नर्सरियों को अनुमति दी जाएगी तो उनको पार्को का रखरखाव भी करना होगा। पार्को में दूध आदि के लिए कियोस्क लगाकर राजस्व बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा गया है। स्कूलों की इमारतों में एटीएम और निगम भवनों की इमारतों के साथ भलस्वा लैंडफिल साइट पर एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी। इससे निगम को राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
प्रति मंजिल पर पास होगा बिल्डिंग प्लानमकान बनाने के लिए प्रति प्लाट के हिसाब से नक्शा पास किया जाता है। निगम की योजना है कि प्रति मंजिल के हिसाब से इसका नक्शा पास किया जाए। इससे ज्यादा संख्या में लोग अपने मकान का नक्शा पास कराने आएंगे। इससे अवैध निर्माण में तो कमी आएगी ही, बल्कि निगम के राजस्व को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। ट्रांसफार्मर का लिया जाएगा शुल्क
राजस्व बढ़ाने के लिए उत्तरी निगम क्षेत्र में बिजली कंपनियों की ओर से लगाए गए ट्रांसफार्मर को भी किराये के दायरे में लेकर आएगा। इन ट्रांसफार्मर का सर्वे कर कॉलोनी की श्रेणी के हिसाब से किराया तय करके मासिक या वार्षिक शुल्क लिया जाएगा।
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