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Kisan Tractor Rally Update: 35 लाख के ट्रैक्टर पर चढ़कर गरीब किसानों की बात, ट्रैक्टर परेड में शामिल होने पहुंचा ‘बाहुबली’

आंदोलन कर रहे किसान रविवार को ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे रहे। रात तक किसानों का जत्था यहां पहुंचता रहा। ट्रैक्टरों पर तिरंगा और बुल गार्ड लगा है। किसानों की संख्या करीब 15 हजार पहुंच गई है। कई किसान बस व अन्य वाहनों से भी यहां आए हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 25 Jan 2021 07:12 PM (IST)
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यूपी गेट पर किसानों के आंदोलन में पहुंचा बाहुबली ट्रैक्टर सभी के आकर्षण का केंद्र।
जागरण संवाददाता, दिल्ली/गाजियाबाद। कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर आंदोलन कर रहे किसान रविवार को ट्रैक्टर परेड की तैयारी में जुटे रहे। रात तक किसानों का जत्था यहां पहुंचता रहा। ट्रैक्टरों पर तिरंगा और बुल गार्ड लगा है। किसानों की संख्या करीब 15 हजार पहुंच गई है। कई किसान बस व अन्य वाहनों से भी यहां आए हैं।

यूपी गेट पर किसानों के मंच के पीछे खड़े बाहुबली ट्रैक्टर पर जिसकी भी नजर गई, वह उसे काफी देर तक निहारता रहा। युवाओं ने उसके साथ जमकर सेल्फी ली। पलिया लखीमपुर के रहने वाले इकबाल सिंह पाला का ने बताया कि उन्होंने परेड में शामिल होने के लिए ट्रैक्टर मोडिफाइ कराया है। 

पश्चिमी दिल्ली के बार्डर पर जमे किसानों के बीच कुछ लोग अपनी अमीरी का प्रदर्शन कर गरीब किसानों की बात करते दिखाई देते हैं। अमीरी का यह प्रदर्शन कहीं मोडिफाई ट्रैक्टर तो कहीं मर्सिडीज कार से ट्रैक्टर को खींचने के रूप में दिखाई देता है। टीकरी बार्डर पर पिछले कई दिनों से एक मोडिफाई ट्रैक्टर चर्चा का विषय बना हुआ है।

कहा जा रहा है कि इस ट्रैक्टर को मोडिफाई करने में करीब 35 लाख रुपये की लागत आई है। इतना महंगा ट्रैक्टर देख प्रदर्शन में शामिल किसानों की आंखे फटी रह जाती हैं। यह ट्रैक्टर सुनील गुलिया का है। म¨हद्रा के इस ट्रैक्टर में आगे और पीछे दोनों तरफ बड़े-बड़े दो पहिए लगे हुए हैं। ऐसा लगता है मानो यह ट्रैक्टर नहीं बल्कि रोड रोलर हो। ट्रैक्टर के पीछे लगी ट्राली में भी बैठने के लिए सोफे बनाए गए हैं। लोग आंदोलन को भूल ट्रैक्टर ही निहारने में लगे रहते हैं। 

एक ओर किसान कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर इन ट्रैक्टरों से यह कहीं नहीं लगता है कि ये किसान किसी भी तरह से कमजोर हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल आंदोलनकारी किसानों के बीच भी उठ रहा है कि क्या गरीब किसान इन बड़े किसानों के हाथों की कठपुतली तो नहीं बन रहे हैं।

कुछ आंदोलनकारी अमीरी के इस प्रदर्शन को सही नहीं ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसे प्रदर्शन से आंदोलन पर गलत असर पड़ेगा। इन ट्रैक्टरों को देखकर स्थानीय लोग भी यह कहने लगे हैं कि किसान आंदोलन की आड़ में यहां अमीरी का प्रदर्शन किया जा रहा है, ऐसे में गरीब किसानों का भला हो ही नहीं सकता है। 

बुल गार्ड व मोडिफाइ ट्रैक्टरों से सीमा पर पहुंचे किसान 

यूपी गेट पर आंदोलनरत किसान भी मंगलवार को गणतंत्र दिवस के मौके पर तय रूट पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। रविवार को इसकी तैयारियां जोरों पर रहीं। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से किसानों का जत्था बुल गार्ड व मोडिफाइ ट्रैक्टरों से पहुंचा। उनमें बाहुबली (मोडिफाइ ट्रैक्टर) आकर्षण का केंद्र रहा। 

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