Kisan Agitation: किसान आंदोलन में एकजुट हो रहे मोदी विरोधी राजनीतिक दल
कल तक जो राजनीतिक दल आंदोलन को पर्दे के पीछे रहकर हवा देने में जुटे थे। अब वे आंदोलन में भागीदारी निभाने लगे हैं। उनके सांसद विधायक से लेकर नेता तक न केवल आंदोलन की अगुआई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर नजर आने लगे हैं।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 26 Jan 2021 08:45 AM (IST)
नई दिल्ली [संजय सलिल]। नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन अब मोदी सरकार विरोधी राजनीतिक दलों के ध्रुवीकरण का केंद्र बन गया है, जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे वैसे राजनीतिक दलों का खेल भी सामने आता जा रहा है। कल तक जो राजनीतिक दल आंदोलन को पर्दे के पीछे रहकर हवा देने में जुटे थे। अब वे आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप से भागीदारी निभाने लगे हैं। उनके सांसद, विधायक से लेकर नेता तक न केवल आंदोलन की अगुआई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के मंच पर नजर आने लगे, बल्कि अपने भाषणों में मोदी सरकार के खिलाफ जमकर आग भी उगल रहे हैं। इससे यह साफ हो गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के लिए राजनीतिक दल अब अछूत नहीं रह गए हैं। उनके दावों की भी कलई खुलने लगी है।
गौरतलब है कि शुरुआती दिनों में संयुक्त मोर्चा यह लगातार दावा करता रहा कि यह किसानों का आंदोलन है। इससे राजनीतिक दलों का कोई लेना देना नहीं है और किसी भी राजनीतिक दल के नेता को आंदोलन का मंच साझा करने नहीं दिया जाएगा, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सिंघु बार्डर पर चल रहे आंदोलन का नजारा बदला बदला नजर आने लगा है। रविवार की देर शाम को भी यहां मंच पर बिहार से बेगूसराय से आए भारतीय कांग्रेस पार्टी के विधायक सूर्यकांत पासवान को भाषण देते देखा गया था। इसके पूर्व भी मंच पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को देखा जा चुका है।
बताया जा रहा है कि इस आंदोलन में मोदी सरकार की धुर विरोधी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो नहीं पहुंच सकीं, लेकिन उन्होंने किसान नेताओं से फोन पर बात कर मांगों का समर्थन कर चुकी हैं। यहां कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके बॉक्सर विजेंद्र सिंह समेत दक्षिण भारत के कई सांसद भी मंच पर देखे जा चुके हैं।
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