Move to Jagran APP

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ASI से मांगी रिपोर्ट, पूछा- उपद्रवी लाल किला के अंदर कैसे घुस गए?

लाल किला पर उपद्रवियों के कब्जा करने और अपना ध्वज फहराने के मामले में केंद्रीय संस्कृति मंत्रलय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों का कहना है एएसआइ ने प्रारंभिक रिपोर्ट मंत्रालय को दे दी है जिसमें सुरक्षा सीआइएसएफ की बताई गई है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Wed, 27 Jan 2021 08:28 AM (IST)
Hero Image
सीआइएसएफ पर प्रतिवर्ष एएसआइ की करोड़ों की राशि खर्च होती है।
नई दिल्ली, वीके शुक्ला। लाल किला पर उपद्रवियों के कब्जा करने और अपना ध्वज फहराने के मामले में केंद्रीय संस्कृति मंत्रलय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने पूछा है कि उपद्रवी लाल किला के अंदर कैसे घुस गए? किस स्तर पर चूक हुई है। सूत्रों का कहना है एएसआइ ने प्रारंभिक रिपोर्ट मंत्रालय को दे दी है, जिसमें सुरक्षा सीआइएसएफ की बताई गई है।

लाल किला एएसआइ का ऐसा स्मारक है, जहां की सुरक्षा व्यवस्था खुद एएसआइ नहीं देखता है। इसकी सुरक्षा व्यवस्था सीआइएसएफ के पास है। तीन पाली में यहां लाहौरी गेट और दिल्ली गेट पर सीआइएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। लाल किला के अंदर ही सीआइएसएफ की चौकी है। सीआइएसएफ पर प्रतिवर्ष एएसआइ की करोड़ों की राशि खर्च होती है।

किला का ध्वजारोहण वाला भाग सीआइएसएफ के कब्जे में ही रहता है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते लाल किला में पूर्व में एएसआइ और सीआइएसएफ के अधिकारियों के बीच टकराव तक हो चुका है। करीब 12 साल पहले दिल्ली मंडल के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. केके मोहम्मद को लालकिला के दिल्ली गेट पर रोक लिए जाने पर बड़ा बवाल हो गया था।

उन्होंने उस समय इसकी शिकायत केंद्र सरकार से की थी। उस समय वह लाल किला के अंदर ही रहते थे। उसके बाद एएसआइ के अधिकारियों के मामले में कुछ नर्मी रही है। इससे साफ जाहिर है कि लालकिला की सुरक्षा व्यवस्था से कभी भी कोई समझौता नहीं किया गया है। गणतंत्र दिवस के चलते लाल किला में अतिरिक्त सुरक्षा थी और आम लोगों के लिए यह बंद था। ऐसे में उपद्रवियों का प्रवेश बड़ा सवाल पैदा करता है।

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।