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Farmers Protest: टीकरी बार्डर पर बदल चुका है नजारा, किसानों के मुख्य मंच के सामने सन्नाटा

सड़क पर पहले तेज संगीत का शोर सुनाई देता था वह अब पूरी तरह गायब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 26 जनवरी की रात से ही यहां से किसानों ने जाना शुरू कर दिया है। किसानों के यहां से निकलने का सिलसिला तेज हो रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 29 Jan 2021 12:52 PM (IST)
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टीकरी बार्डर पर बदल चुका है नजारा।

नई दिल्‍ली, गौतम मिश्रा। टीकरी बार्डर का नजारा अन्य दिनों के मुकाबले पूरी तरह अलग नजर आ रहा था। अभी तक टीकरी बार्डर का वह हिस्सा जहां किसानों की चहलकदमी नजर आती थी, वहां सन्नाटा पसरा है। वहीं दूसरी ओर जहां सीमित संख्या में पुलिसकर्मी नजर आते थे, वहां अब पहले से काफी अधिक तादाद में पुलिसकर्मी तैनात नजर आते हैं। अब बार्डर के उस पार जहां किसानों ने मुख्य मंच बनाया हुआ है, वहां शोर नहीं बल्कि सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं पुलिस वाले हिस्से में हर जगह ब्रीफिंग होती नजर आती है।

टीकरी बार्डर पर बृहस्पतिवार को किसानों की तादाद उनके डेरा डालने के बाद से अभी तक सबसे कम नजर आई। मुख्य मंच के पास सड़क किनारे कुछ दुकान खुले हैं। इन दुकानदारों का कहना है कि 26 जनवरी के दिन जो उपद्रव हुआ उसके बाद से यहां किसानों के समर्थन में जो लोग आते थे, वह अब नदारद है। पहले यहां हरियाणा व पंजाब के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ इनके समर्थन के लिए आते थे, जिससे यहां भीड़ नजर आती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जो किसान यहां हैं, वे भी कब चले जाएं, यह कुछ नहीं पता। पहले यहां किसानों के लिए जगह-जगह भंडारे लगाए जाते थे, अब इनकी संख्या कुछ ही है।

सड़क पर पहले तेज संगीत का शोर सुनाई देता था, वह अब पूरी तरह गायब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 26 जनवरी की रात से ही यहां से किसानों ने जाना शुरू कर दिया है। किसानों के यहां से निकलने का सिलसिला घड़ी की सूईयों के साथ साथ तेज हो रहा है।

दूसरी ओर बार्डर के उस पार पुलिस वाले हिस्से की बात करें तो जबरदस्त घेराबंदी यहां नजर आती है। बैरीकेड के बिल्कुल सामने अब वाटर कैनन की गाड़ियां खड़ी कर दी गई हैं। पहले ये गाड़ियां बैरीकेड से दूर खड़ी थी। अब सुरक्षा का बहुस्तरीय घेरा बनाया गया है। कंक्रीट के ढांचे की दीवारों की कई स्तरीय घेराबंदी है।

पुलिसबल की तादाद की बात हो तो यहां अब 26 जनवरी से पहले के मुकाबले यहां करीब 15 कंपनियां तैनात हैं। इनमें सीमा सुरक्षा बल व एसएसबी के जवान भी शामिल हैं। महिला पुलिसकर्मियों की इसमें बड़ी तादाद है। ड्रोन कैमरे की मदद से पुलिस बार्डर के उस पार यानि किसानों वाले हिस्से में भीड़ का अनुमान लगा रही है।

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