Singhu Border Violence: स्थानीय लोगों का छलका दर्द- हम गए थे शांति वार्ता के लिए, प्रदर्शनकारियों ने किया तलवार से हमला
Singhu Border Violence बॉर्डर के आसपास के गांवों में रहने वालों का कहना है कि वे रास्ता खोलने के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ शांति से वार्ता करने गए थे लेकिन उन पर तलवारों से हमला किया गया। ऐसी हिंसा करने वालों को किसान तो कतई नहीं कहा जा सकता।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। सिंघु बॉर्डर पर किसान हित की बात करने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच उपद्रवियों ने उत्पात मचाया। उन्होंने न केवल स्थानीय लोगों पर हमला किया, बल्कि कई पुलिसकर्मियों को भी घायल कर दिया। इस बवाल के बाद स्थानीय लोगों में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारी रोष है। बॉर्डर के आसपास के गांवों में रहने वालों का कहना है कि वे रास्ता खोलने के लिए प्रदर्शनकारियों के साथ शांति से वार्ता करने गए थे, लेकिन उन पर तलवारों से हमला किया गया। ऐसी हिंसा करने वालों को किसान तो कतई नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद अब पंजाब नंबर के वाहनों को गांवों के रास्ते से आने-जाने नहीं दिया जाएगा।
हम प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक बात करने गए थे कि लोगों के लिए रास्ता खोला जाए। लेकिन उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों व हम लोगों पर हमला कर दिया। रास्ता बंद होने से आसपास के लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। -अनूप सिंह मान, अलीपुर
खुद को किसान कहते हैं, लेकिन इनके पास हथियारों का जखीरा है। ये लोग न तो देश का मान रख सके और न ही किसानों का। इन लोगों के अडि़यल रवैये से किसानों को ही नुकसान हो रहा है। अब यहां पर भारी संख्या में स्थानीय लोग इनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन को मजबूर हो गए हैं। -विजय पाल राणा, अलीपुर
रास्ता बंद होने से किसानों को ही नुकसान हो रहा है। क्योंकि यह रास्ता हरियाणा और पंजाब राज्य को जोड़ता है। ऐसे में यहां के किसान अपनी उपज को इस रास्ते पर नहीं ला पा रहे हैं। अब रास्ता खाली करना ही होगा। -रवीश भारद्वाज, घोघा
उपद्रव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तिरंगे का अपमान नहीं करना चाहिए था। गांव में आकर उपद्रवियों ने हुड़दंग भी मचाया। अब लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इनको ¨सघु बार्डर खाली कर देना चाहिए। -सचिन, सिंघु बॉर्डर
प्रदर्शन में शामिल लोग रात को शराब के नशे में घूमते रहते हैं। मेरा पूरा परिवार व गांव आज इनके खिलाफ है। -सन्नी, सिंघु बॉर्डर
पहले हर रोज दस लाख रुपये की कमाई होती थी। प्रदर्शनकारी लगभग 65 दिन से पेट्रोल पंप पर कब्जा जमाकर बैठे हैं। अब करोड़ों का नुकसान हो चुका है। -सतीश कौशिक, पेट्रोल पंप प्रबंधक, सिंघु बॉर्डर
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