Delhi Violence News Updates: गुजरात की फारेंसिक टीमें करेंगी दिल्ली में हुए उपद्रव की जांच
Delhi Violence News Updates ऐसा पहली बार हुआ है जब दिल्ली में सीबीआइ की सीएफएसएल व दिल्ली सरकार की फारेंसिक साइंस लैब होने के बावजूद गुजरात की एनएफएसयू से छह-छह सदस्यीय दो टीमों को जांच में सहयोग करने के लिए बुलाया गया है।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की आड़ में हिंसा करने वाले उपद्रवी किसी भी हालत में बच नहीं पाएंगे। उपद्रव के तमाम डिजिटल सबूतों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने गुजरात के नेशनल फारेंसिक सांइस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) की दो टीमों को दिल्ली बुलाया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब दिल्ली में सीबीआइ की सीएफएसएल व दिल्ली सरकार की फारेंसिक साइंस लैब होने के बावजूद गुजरात की एनएफएसयू से छह-छह सदस्यीय दो टीमों को जांच में सहयोग करने के लिए बुलाया गया है। लाल किले की प्राचीर पर झंडा फहराने व दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर भीषण उपद्रव करने की घटना ने भारत की छवि को खराब करने का काम किया। इसलिए सरकार ने उक्त मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। गृह मंत्रलय चाहता है कि साक्ष्यों के स्तर में किसी भी तरह की चूक न होने पाए।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक एनएफएसयू की दोनों टीमें शनिवार रात दिल्ली पहुंच गई हैं। टीमें लाल किला व आइटीओ समेत सभी घटनास्थलों का मुआयना करने के साथ सभी डिजिटल सुबूतों की बारीकी से जांच करने में जुट गई हैं। यही नहीं जांच पूरी होने तक दोनों टीमें दिल्ली में ही रहेंगी। गुजरात की फारेंसिक टीमें न केवल क्राइम ब्रांच की एसआइटी में ट्रांसफर किए गए नौ प्रमुख मामले, बल्कि लाल किला, आइटीओ, नजफगढ़, नांगलोई, बाबा हरिदास नगर, गाजीपुर, पांडवनगर व समयपुर बादली में किए गए उपद्रव मामले के वीडियो, आडियो व सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेंगी। इसके अलावा स्थानीय थाना पुलिस द्वारा की जा रही जांच में भी सहयोग करेंगी। उपद्रव की विस्तृत साजिश रचे जाने की जांच कर रही स्पेशल सेल को भी फारेंसिक एक्सपर्ट की टीम सहयोग करेगी। उपद्रव मामले में इलेक्ट्रॉनिक सबूत जैसे सीसीटीवी फुटेज, कैमरे व मोबाइल से बनाए गए वीडियो व तस्वीरें ही सबसे अहम सबूत हैं।
सरकारी व निजी कार्यालयों में लगे कैमरों से भी फुटेज जुटा रही पुलिस
उपद्रव स्थल के चारों तरफ की सड़कों का मुआयना कर पुलिस ने कैमरों की जानकारी जुटाई है। इसमें कई मार्गों पर सरकारी अथवा निजी कार्यालयों, घरों व दुकानों के बाहर भी कैमरे लगे हैं, इसलिए पुलिस ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों व आम लोगों को पत्र भेजकर कैमरे की फुटेज मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
... इसलिए बुलाई गई गुजरात की एनएफएसयू टीम
सीबीआइ की सीएफएसएल व दिल्ली सरकार की फारेंसिक साइंस लैब होने के बावजूद गुजरात की टीमों को बुलाया गया है। दरअसल, एनएफएसयू के बारे में दावा है कि यह विश्व का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां फारेंसिक, साइबर सुरक्षा और डिजिटल मामलों से जुड़ी चीजों का सबसे बेहतर शोध होता है। सूत्रों की मानें तो गुजरात की एनएफएसयू के पास डिजिटल सुबूतों की जांच के लिए इस वक्त सबसे उन्नत तकनीक है। इसलिए इन्हें बुलाया गया है।
5000 से अधिक वीडियो जनता ने भेजे
घटना के बाद क्राइम ब्रांच ने लोगों से वीडियो व सीसीटीवी फुटेज, तस्वीरें आदि दिल्ली पुलिस को मुहैया कराने की अपील की थी। इसके तहत अब तक 5000 से अधिक वीडियो दिल्ली पुलिस को मिल चुके हैं। क्राइम ब्रांच की कोतवाली स्थित साइबर सेल उक्त वीडियो व तस्वीरों को छांटने में जुटी हुई है। दरअसल कई वीडियो व तस्वीरें एक ही तरह की हैं।
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