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Railways News: डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से बढ़ेगी उत्तर रेलवे की कमाई, 4 साल में 4 गुना वृद्धि का लक्ष्य

Railways News केंद्रीय बजट 2021 में जून अगले चार साल के दौरान यानी 2022 तक ईस्टर्न डीएफसी और वेस्टर्न डीएफसी का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह दोनों डीएफसी दिल्ली-एनसीआर से जुड़ रहे हैं।

By Edited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 09:40 AM (IST)
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हाल में ईस्टर्न डीएफसी के खुर्जा-भाउपुर खंड और वेस्टर्न डीएफसी के रेवाड़ी-मदार खंड की शुरुआत हो चुकी है।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अगले चार वर्ष में माल ढुलाई से होने वाली आमदनी में चार गुना इजाफा करने का लक्ष्य रखा है। उत्तर रेलवे भी इस दिशा में काम कर रहा है। कई कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में रिकॉर्ड माल ढुलाई की गई है और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) का काम पूरा होने के बाद इसमें और तेजी आएगी। केंद्रीय बजट में जून, 2022 तक ईस्टर्न डीएफसी और वेस्टर्न डीएफसी का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह दोनों डीएफसी दिल्ली-एनसीआर से जुड़ रहे हैं। ईस्टर्न डीएफसी लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू हो रहा है, जो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से होकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी में समाप्त होता है। इसका बड़ा हिस्सा उत्तर रेलवे से होकर गुजर रहा है। इसी तरह से दादरी को मुंबई में जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह से जोड़ने वाला वेस्टर्न डीएफसी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र को जोड़ेगा। इसका लाभ उत्तर रेलवे को भी मिलेगा और यहां से देश के अन्य हिस्से में अनाज व अन्य सामान की ढुलाई तेजी से हो सकेगी।

मौजूदा ट्रैक पर ज्यादा है बोझ

ट्रैक पर मौजूदा समय में बोझ ज्यादा होने से मालगाड़ियों की आवाजाही बाधित होती है। इसलिए कम समय में ज्यादा माल पहुंचाने के लिए अब दो-तीन या इससे भी ज्यादा मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया जा रहा है। इसके लिए डीएफसी सुविधाजनक है, क्योंकि यह पूरी तरह से मालगाड़ियों के लिए है। इस कॉरिडोर पर ज्यादा क्षमता वाली मालगाड़ियों को एक सौ किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाया जा सकता है। फिलहाल इन्हें 35 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाता है। हाल में ईस्टर्न डीएफसी के खुर्जा-भाउपुर खंड और वेस्टर्न डीएफसी के रेवाड़ी-मदार खंड की शुरुआत हो चुकी है।

कोरोना काल में 18 राज्यों में पहुंचाया राशन

उत्तर रेलवे ने कोरोना काल में देश के 18 राज्यों में राशन व अन्य सामान पहुंचाया, जिससे कि गरीबों को सरकारी राशन मिल सके। यह राशन हरियाणा व पंजाब से जम्मू कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु तेलंगाना, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, नागालैंड, ओडिशा में पहुंचाया गया।

अनाज ढुलाई में है सबसे आगे

कोरोना संकट के दौर में अनाज ढुलाई करने में उत्तर रेलवे अन्य क्षेत्रीय रेलवे से बहुत आगे है। इसकी कुल हिस्सेदारी 48 फीसद से ज्यादा है।

एक दिन में रिकॉर्ड लदान

माल ढुलाई से आमदनी बढ़ाने के लिए लदान क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। एक दिन में माल लदान का रिकॉर्ड भी उत्तर रेलवे के नाम है। कोरोना संक्रमण से पहले तक प्रतिदिन उत्तर रेलवे में 30 से 35 रैक का ही लदान होता था। अब यह बढ़कर 120 रैक तक हो गया है। यह पूरे देश में सबसे ज्यादा है। आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाने की कोशिश हो रही है।

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