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World Wetlands Day 2021: जानें-क्या होता है वेटलैंड, क्यों इसका संरक्षण है बहुत जरुरी

वेटलैंड संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने वेटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट रूल्स 2017 तैयार किए। 2020 में इन्हें संशोधित किया गया। एनजीटी के आदेश पर राजधानी में वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2019 में 23 सदस्यीय दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी का गठन किया।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 10:57 AM (IST)
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यमुना बायोडाइवर्सिटी पार्क में पुनर्जीवित किया गया वेटलैंड ’ सौजन्य: पार्क प्रशासन

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। पारिस्थितिकी तंत्र (ईकोलोजी सिस्टम) का संतुलन किसी भी शहर के वातावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि देश की राजधानी में भी इस संतुलन के आधार वेटलैंड की अनदेखी होती रही है। आलम यह है कि पिछले करीब दो दशक में 500 से अधिक वेटलैंड बेतरतीब विकास की भेंट चढ़ गए हैं। अब हालांकि सरकारी स्तर पर वेटलैंड संरक्षण के प्रयास शुरू हो गए हैं, लेकिन इसकी रफ्तार अभी काफी धीमी है।

एक अध्ययन के मुताबिक करीब 20 साल पहले दिल्ली में 900 से अधिक वेटलैंड हुआ करते थे, लेकिन इन दो दशकों में तेजी से हुए विकास कार्य और अवैध निर्माण-अतिक्रमण के चलते धीरे-धीरे लुप्त होते गए। बताया जाता है कि वर्तमान में केवल 400 के आसपास ही वेटलैंड बचे हैं।

अप्रैल 2019 में हुआ दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी का गठन

वेटलैंड संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने वेटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट रूल्स 2017 तैयार किए। 2020 में इन्हें संशोधित किया गया। एनजीटी के आदेश पर राजधानी में वेटलैंड का संरक्षण करने के लिए दिल्ली सरकार ने अप्रैल 2019 में 23 सदस्यीय दिल्ली स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी का गठन किया।

बताया जाता है कि इस अथॉरिटी ने अभी तक 278 वेटलैंड ही चिह्नित किए हैं, जिन्हें पुनर्जीवित करने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा अथॉरिटी द्वारा नरेला में टीकरी खुर्द झील के संरक्षण का कार्य भी चल रहा है और स्थानीय लोगों को वेटलैंड मित्र बनाकर भी इन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है।

क्या होता है वेटलैंड

वेटलैंड यानी ऐसी जमीन जहां काफी नमी हो, भूजल का स्तर भी अच्छा हो। ऐसी जमीन आमतौर पर नदियों के किनारे मिलती है या फिर जहां वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था हो। दिल्ली में भी यमुना के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में ऐसे काफी क्षेत्र रहे हैं। ऐसी जमीन खेती ही नहीं, पारिस्थितिकी संतुलन की दृष्टि से भी अहम होती है।

यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के प्रभारी फैयाज ओ खुदसर ने कहा कि वेटलैंड का संरक्षण बहुत जरूरी है। हालांकि अब प्रयास शुरू हो गए हैं, लेकिन उनमें तेजी की जरूरत है। दिल्ली सरकार ने यमुना खादर में छोटे- छोटे तालाब बनाने की योजना बनाई थी, उस पर भी गंभीरता से काम किया जाना चाहिए। यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में हमने 100, 07 और 1.5 एकड़ में तीन अलग-अलग वेटलैंड विकसित किए हैं।

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