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Budget 2021: समाज को अनुशासित बनाने में सहयोग करेंगे 100 सैनिक स्कूल: एसके सैनी

31 जनवरी को ही सेवानिवृत्त हुए सैनी ने कहा कि वह स्वयं कपूरथला में महाराजा जगजीत सिंह के पैलेस में मौजूद सैनिक स्कूल से पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल में होने वाली पढ़ाई छात्रों को अनुशासित ही नहीं मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत भी बनाती है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 12:47 PM (IST)
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वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। सैनिक स्कूलों में छात्रों को महज बेहतर शिक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि अनुशासित जीवन जीने के लिए भी तैयार किया जाता है। इसका उद्देश्य एक छात्र को भारतीय सेना में जाने के योग्य तैयार करना है, लेकिन अगर कोई छात्र आगे चलकर सेना के बजाय किसी अन्य क्षेत्र में जाता है तो वहां भी वह एक अनुशासित और सच्चे नागरिक के तौर पर देश को विकास की गति पर ले जाने की दिशा में काम करता है।

इन स्कूलों से निकलने वाले युवा समाज को अनुशासित बनाने में सहयोग करेंगे। देशभर में 100 सैनिक स्कूल खोलने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उक्त बातें वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसके सैनी ने कहीं।

31 जनवरी को ही सेवानिवृत्त हुए सैनी ने कहा कि वह स्वयं कपूरथला में महाराजा जगजीत सिंह के पैलेस में मौजूद सैनिक स्कूल से पढ़े हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक स्कूल में होने वाली पढ़ाई छात्रों को अनुशासित ही नहीं मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत भी बनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह प्रस्ताव अच्छा कदम है और इससे आने वाले दिनों में युवाओं को लाभ मिलेगा। सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ने से सेना ही नहीं आम नागरिकों के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा। इससे सेना में जाने के युवाओं के जज्बे को बल मिलेगा।

सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ने से युवाओं को लाभ: मे. जनरल दिलावर

वहीं, वित्त मंत्री ने सोमवार को संसद में आम बजट पेश किया। इसके बाद हर तरफ बजट को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। इसे लेकर पूर्व सेना अधिकारी मेजर जनरल दिलावर सिंह ने कहा कि नए बजट में सबसे खास बात सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़ाना है। उन्होंने सबसे खास व अहम पहलू बताते हुए कहा इसका सीधा फायदा युवाओं को मिलेगा। विशेषकर वह युवा जो सेना में ऑफिसर बनने के सपने देखता है। ऐसे युवा व ऐसे छात्र-छात्रएं सैनिक स्कूल के द्वारा अपने सपनों को हकीकत में बदल सकते हैं। क्योंकि ज्यादा से ज्यादा छात्र छात्रओं को इन स्कूलों के माध्यम से सैन्य प्रशिक्षण मिलेगा। उन्हें सेना में अधिकारी बनने का भी मौका मिल पाएगा।

उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सैनिक स्कूलों के साथ-साथ प्रत्येक स्कूल में कालेज में एनसीसी को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि प्रत्येक छात्र-छात्रएं सैन्य प्रशिक्षण ले सकें और देश को हर तरह से मजबूत बनानें में सक्षम हो सकें।

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