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पीपीई किट पहनने से डॉक्टरों को मिला छुटकारा, एम्स ने लगाई रोक

पिछले साल गर्मी के मौसम में पीपीई किट पहनकर संक्रमितों का इलाज करने में डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। वे पीपीई किट में बहुत ज्यादा पसीना आने की शिकायत कर रहे थे।

By Edited By: Updated: Wed, 03 Feb 2021 09:08 AM (IST)
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पीपीई किट नहीं पहनने से डॉक्टरों को बड़ी राहत मिलेगी।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। वैश्विक महामारी कोरोना से संक्रमित मरीजों द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं से संक्रमण का खतरा ज्यादा नहीं होता है। यह बात विभिन्न शोध में सामने आई है, इसके बाद एम्स ने मरीजों के इलाज के दौरान सिर से पांव तक पीपीई किट पहनने पर रोक लगा दी है। हालांकि, इलाज के दौरान डॉक्टर मास्क, फेसशील्ड के अलावा सामान्य गाउन का इस्तेमाल करेंगे। अब सिर्फ आइसीयू में भर्ती कोरोना मरीजों के प्रोसिजर के समय ही पीपीई किट पहनने की अनुमति होगी। इसे लेकर दूसरे अस्पताल भी गंभीर हैं। ऐसे में गर्मियों में यदि कुछ मामले आए तो डॉक्टरों को पीपीई किट नहीं सताएगी। इससे न सिर्फ कोरोना के प्रति लोगों का डर खत्म होगा, बल्कि यह बीमारी सामान्य श्रेणी में शामिल हो जाएगी। पिछले साल गर्मी के मौसम में पीपीई किट पहनकर संक्रमितों का इलाज करने में डॉक्टरों व नर्सिंग कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। वे पीपीई किट में बहुत ज्यादा पसीना आने की शिकायत कर रहे थे। यही नहीं इसकी वजह से कई कर्मचारियों के बेहोश होने तक की बात सामने आई थी। कई शोध में पीपीई किट के कारण स्वास्थ्य कर्मियों को मानसिक तनाव होने का भी पता चला था। ऐसे में पीपीई किट नहीं पहनने से डॉक्टरों को बड़ी राहत मिलेगी।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डीके शर्मा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि हाल ही में वैज्ञानिक शोध में यह बात सामने आई है कि मरीज की किसी वस्तु से संक्रमण की संभावना बहुत कम है। नाक व मुंह के अलावा किसी अन्य माध्यम से भी संक्रमण का खास खतरा नहीं है, इसलिए वार्ड में भर्ती कोरोना के मरीजों व संदिग्ध मरीजों के इलाज के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं है। सिर्फ आइसीयू में भर्ती कोरोना मरीज के प्रोसिजर के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल करना होगा। अन्य मरीजों के इलाज के दौरान जरूरत के मुताबिक एन-95 मास्क, फेस शील्ड व गाउन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना की जांच के दौरान अब पीपीई किट का इस्तेमाल बंद हो चुका है। मास्क पहनकर अब कर्मचारी सैंपल लेते हैं। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि पीपीई किट का इस्तेमाल अब कम हो गया है। कई डॉक्टर सिर्फ गंभीर मरीजों के इलाज के दौरान ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

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